मेरठ (ब्यूरो)। कैंट क्षेत्र में सीवर लाइन की समस्या लोगों के परेशानी का सबब बन चुकी है। इस समस्या को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 'आपका सीवर पाइपलाइन में हैÓ नामक एक सात दिवसीय अभियान भी चलाया। जिसमें रियल्टी चेक और लोगों से बातचीत में सामने आया कि क्षेत्र में सीवर लाइन तो बिछी है लेकिन उसके कनेक्शन जहां-जहां होने चाहिए थे, वहां-वहां नहीं हुए हैैं। जिसके चलते लोग सीवर लाइन की सुविधा से महरूम हैैं। इतना ही नहीं, अभियान के दौरान कैंट क्षेत्र में गंदगी और गंदगी से अटे नालों की समस्या भी सामने आई। मानसून को लेकर कैंट बोर्ड तैयारी पर भी लोगों ने सवाल उठाए। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कैंट बोर्ड के सुपरीटेंडेंट जयपाल सिंह तोमर बात की।
सवाल- कैंट में सीवर लाइन कनेक्शन प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य कब तक पूरा होगा?
जवाब - दरअसल, कैंट के पास जितना बजट आया था, उसमें जो काम हो सका बोर्ड की तरफ से किया गया है। आगे की किस्तें आने पर ही प्रक्रिया को बढ़ाने का काम किया जाएगा। सरकार की तरफ से किस्त व दिशा निर्देशों का इंतजार है।
सवाल- 9 किलोमीटर तक सीवर लाइन बिछ चुकी है, आखिर उनमें कनेक्शन को अब तक क्यों नही जोड़ा गया?
जवाब- कैंट तो कनेक्शन देना चाहता है। इसके लिए हमने ऑनलाइन प्रक्रिया को भी शुरू की है। कई बार लोगों को जागरूक किया पर अभी तक मुश्किल से 150 ही एप्लिकेशन आए हैं। लोग खुद ही रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
सवाल- बीते साल चार अप्रैल को कनेक्शन के लिए वार्ड छह में एक कैंप लगाया गया था, उस समय लोगों को कनेक्शन के लिए अप्लाई करने में समस्याएं आई थी, उसके लिए आप क्या कहेंगे?
जवाब- सॉफ्टवेयर में कुछ समस्या थी, लेकिन उसको उसी समय ठीक करवा दिया गया था। जिसके बाद से हमने लोगों जानकारी भी दी थी पर कोई एप्लीकेशन नहीं दे रहा हैं।
सवाल - आखिर लोग क्यों अप्लाई नहीं कर रहे हैं, क्या उनमें जागरूकता की कमी हैं, विभाग कोई अभियान नहीं चल रहा क्या?
जवाब- ऐसा नहीं है।।।विभाग द्वारा तो बकायदा टीमें गठित कर डोर टू डोर जागरूकता अभियान चलाए गए, पर कोई इसमें रूचि नहीं ले रहा है। पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है। अगर लोग सपोर्ट करें तो जल्द से जल्द सीवर कनेक्शन की समस्या का समाधान हो सकता है।
सवाल- बरसात आ रही है, ऐसे में नाले-नालियां जाम होने से लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है, विभाग की क्या तैयारियां है?
जवाब - बरसात को लेकर विभाग पहले से अलर्ट है। हमने छोटे से लेकर बड़े नाले-नालियों की सफाई अभी से शुरू करवा दी है। दो बड़ी मशीनें भी मंगवाई गई हैं, जिनसे नालों को साफ किया जा रहा है, पब्लिक थोड़ा जागरूक हो और कूड़ा इधर-उधर न डाले।
सवाल- कैंट को स्मार्ट बनाने के लिए कई प्रयास करने के दावे विभाग करता है, लेकिन आपको लगता है कि कैंट वास्तव में साफ और स्मार्ट है?
जवाब- हमारी तरफ से 400 सफाई कर्मचारियों द्वारा साफ-सफाई का काम रूटीन से करवाया जा रहा है। इनमें 282 परमानेंट और बाकी डेली बेसिस पर हैं। सभी को हमने जनता की सेवा में लगाया हुआ है। हां, इनमें से 20 करीब रिटायर्ड होने वाले हैं। कर्मचारियों की कुछ कमी भी है, जिसको बढ़ाने की अवश्यकता है। अगर कैंट के पास सही से बजट और कर्मचारी हों तो पहले से भी बेहतर कार्य किया जा सकता है।
सवाल- कैंट में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में देरी की शिकायतें लगातार आती रहती हैैं। सब कुछ ऑनलाइन होने के बावजूद इस प्रोसेस में इतना समय क्यों लग रहा है?
जवाब- ऐसा नहीं है। अगर प्रमाण पत्र के लिए जन्म या मृत्यु के 21 दिन के अंदर अप्लाई कर दिया गया है, कागज सही है और वेरिफिकेशन में सब सही होता है तो हाथ के हाथ सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। अगर कहीं कोई पेच फंसता है या फिर कुछ गलत होता है तो कैंट बोर्ड भी उसमें कई चीजों को देखता है क्योंकि नियमों से अलग विभाग कुछ नहीं कर सकता है।
सवाल- वाटर एटीएम चलने में क्या समस्या सामने आ रही है?
जवाब- वाटर एटीएम चलाने का कैंट द्वारा कई बार प्रयास किया गया, कुछ एटीएम चल भी रहे हैं। जितना कैंट कर सकता है अपनी तरफ से कर भी रहा है। लेकिन इसमें बजट के लिए प्राइवेट संस्था या एनजीओ आगे नहीं आ रही हैं।
सवाल- आखिर बजट की कमी क्यों आ रही है, इसके क्या कारण हैं?
जवाब- दरअसल, बोर्ड का सात करोड़ करीब रैवेन्यृू है। जिनमें से केवल चार करोड़ ही आ पाता है। इनमें करीब दो करोड़ हाउस टैक्स का ही है जो लोग देने में मदद नहीं कर रहे हैं। बाकी विभिन्न बड़े स्कूलों का है जो दे नहीं रहे हैं, ऊपर से भी कोई विशेष बजट का सपोर्ट नहीं मिल पाता है, जिसके चलते दिक्कतें आती हैं।