वैक्सीन के लिए परेशान लोग, किसी को स्लॉट नहीं, किसी को वैक्सीन नहीं
60 से 70 सेंटर्स पर ही रोजाना हो रहा है वैक्सीनेशन
60 प्रतिशत भी वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है मेगा ड्राइव के सापेक्ष जिले में
118 केंद्र में 63 हजार लोगों को जिले में वैक्सीन लगी रिकार्ड बनाने के लिए
11 लाख से ज्यादा लोग अभी भी वैक्सीन के इंतजार में
पहली डोज के लिए परेशान
केस-1 रूड़की रोड निवासी मदन सिंह अभी तक भी कोरोना रोधी वैक्सीन की पहली डोज के लिए परेशान हैं। मदन सिंह बताते हैं कि कई दिन से स्लॉट ढूंढ रहे हैं। जब भी साइट पर लॉगिन करते हैं तो सारे स्लॉट बुक मिलते हैं।
केस-2 हो रही दिक्कत
रामअवतार वैक्सीन लगवाने के लिए काफी परेशान हैं। देहात में सेंटर्स काफी कम हैं जबकि शहर में बने सेंटर्स उनको काफी दूर पड़ रहा है। ऑनलाइन बुकिंग नहीं मिल रही इसलिए पहली डोज तक नहीं ले पाएं हैं।
केस-3 सेंटर्स पर रहती है भीड़
मंजू देवी की भी यही स्थिति है। उन्हें अभी तक भी वैक्सीन की पहली डोज नहीं मिल पाई है। सेंटर पर भीड़ मिलती हैं जबकि ऑनलाइन स्लॉट बुक नहीं हो रहे हैं।
Meerut। मंजू, रामअवतार, मदन सिंह तो सिर्फ उदाहरण भर हैं। जिले में आलम ये है कि वैक्सीन के लिए लोग परेशान हैं। किसी को स्लॉट नहीं मिल रहा तो किसी को वैक्सीन नहीं मिल रही है। सबसे ज्यादा परेशानी ऐसी जगहों पर हैं जहां सेंटर्स की संख्या कम है। देहाती इलाकों में खासतौर से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दूसरी डोज लगवाना बना मुसीबत
पहली डोज के अलावा दूसरी डोज के लिए भी लोग काफी परेशान हैं। ऑनलाइन स्लॉट नहीं मिल रहा जबकि केंद्रों पर भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 8 से 10 लोगों के न होने पर वॉयल नहीं खुलती हैं जिसकी वजह से लाभार्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। लोगों की संख्या पूरी न होने पर अगले दिन वैक्सीन कराना पड़ता है।
हर दिन बेहद कम वैक्सीनेशन
जिले में वैक्सीनेशन की स्पीड काफी कम हैं। हर दिन 60 से 70 सेंटर्स पर ही वैक्सीनेशन हो रहा है। मेगा ड्राइव के सापेक्ष जिले में हर दिन 60 प्रतिशत भी वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है। रिकॉर्ड बनाने भर के लिए जिले में 118 केंद्र बनाकर 63 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जबकि आम दिनों की बात करें तो विभाग हर दिन 15 से 17 हजार लोगों को भी वैक्सीनेट नहीं कर पा रहा है। ये हाल तब है जब कलस्टर अभियान को भी टीकाकरण में शामिल किया गया है।
11 लाख लोगों को इंतजार
जिले में टीकाकरण शुरु हुए करीब 7 महीने बीत चुके हैं बावजूद इसके अभी भी 11 लाख से ज्यादा लोग वैक्सीन के इंतजार में हैं। विभाग कछुआ चाल चल रहा है। इस हिसाब से सिर्फ 18 साल से अधिक आयुवर्ग को वैक्सीनेट करने में ही 6 महीने से अधिक का समय लग जाएगा।
दिन- वैक्सीनेशन- केंद्र
2 अगस्त - 11226- 68
3 अगस्त- 63733-119
4 अगस्त- 11925-69
5 अगस्त- 13320-70
6 अगस्त- 5784-25
7 अगस्त-9357-54
हेल्थ वकर्स
24417 -पहली डोज
19384- दूसरी डोज
कुल 79.4 को लगी
फ्रंट लाइन वर्कर्स
23539-पहली डोज
16695- दूसरी डोज
कुल 70.9 प्रतिशत को लगी
आयुवर्ग
45 साल व इससे अधिक
टारगेट- 744572
अचीवमेंट- 550959
74.0 प्रतिशत
बूस्टर डोज
204362
37.1 प्रतिशत
18 से 44 साल
टारगेट- 1603454
अचीवमेंट- 551157
34.4 प्रतिशत
बूस्टर डोज
49718
(आंकड़े 7 अगस्त तक के हैं.)
वैक्सीनेशन केंद्रों को बढ़ाने के लिए मैन पॉवर भी उतनी ही चाहिए। हमारे पास साधन कम हैं। मेगा ड्राइव के लिए दूसरे कार्यक्रम रोकने पड़ते हैं। विभाग की दूसरी योजनाएं भी अब चल रही हैं। स्टाफ की कमी है और दूसरा वैक्सीन की उपलब्धता का भी ध्यान रखना पड़ता है।
डॉ। प्रवीण गौतम, नोडल अधिकारी, इम्यूनाइजेशन