मेरठ (ब्यूरो)। नवरात्र व्रत की परंपरा है कि इस व्रत का पारायण कंजक पूजन के साथ ही किया जाता है। कंजक पूजन के बिना व्रत अधूरा माना जाता है। ऐसे में अष्टमी को पारायण करने वालों ने रविवार को उपहारों की खरीदारी की। बाजार में विभिन्न प्रकार के उपहार 10 रुपये से लेकर 20-25 रुपये प्रति पीस उपलब्ध है। रुझान देखते हुए स्टील के बर्तन बेचने वाले भी इन दिनों में प्लास्टिक के छोटे बर्तन बेच रहे हैं। चूडिय़ां व लाल चुनरी की बिक्री भी जोरों पर रही।

नवरात्र में अलग से स्टाल
भले कोई नवरात्र का व्रत रखे या न रखे, पूजन करने वाले अष्टमी पर कंजक पूजन जरूर करते हैं। इसके चलते रविवार को बाजारों में रौनक रही। ऐसे में कंजक को दिए जाने वाले उपहार समय के साथ बदले हैं। कंजक पूजन के लिए विभिन्न प्रकार के सामान में भी कई की वैरायटी उपलब्ध रही। अष्टमी को देखते हुए मंदिरों के आसपास और बाजारों में उपहारों का अलग से स्टाल लगाया गया था।

लंच बाक्स की डिमांड
अष्टमी व नवमी को कंजकों को उपहार के रूप में में देने वाले प्लास्टिक कंटेनर, पेंसिल बाक्स, लंच बाक्स, प्लेट, बाउल, 10 रुपये से लेकर 20 तक पर पीस बिकी। अलग अलग आइटम के सेट बनाकर बाजारों में जमकर बिक्री हुई।

कंजक पूजन के बिना अधूरा है व्रत
नवरात्र में बिना कन्या पूजा के व्रत अधूरा माना जाता है। कंजक पूजन अष्टमी या फिर नवमी के दिन की जाती है। इन दिनों नौ कन्याओं को देवी के नौ स्वरूप माने जाते हैं। इनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में कन्याओं को मां दुर्गा के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा पूजा पाठ से इतनी खुश नहीं होती जितनी खुश वह तब होती है जब किसी कन्या का पूजन किया जाता है।

कंजक पूजन के लिए बाजारों में प्लास्टिक आइटम, पेंसिल, टिफिन, प्लेट, कटोरी आदि की बिक्री काफी अधिक होती है। ऐसे में अलग अलग आईटम के सेट की बिक्री की जाती है।
पुष्पा

गिफ्ट आइटम के साथ साथ चॉकलेट, ड्रिंक, चिप्स आदि के फूड आइटम की भी जमकर डिमांड रहती है। इसको देखते हुए ब्रांडेड कंपनियों के पैक्ड आइटम की जमकर बिक्री हुई।
- चिंतामणि, व्यापारी

गिफ्ट आइटम से ज्यादा बर्तन के सेट, खासतौर पर प्लास्टिक बर्तन के सेट कंजक पूजन में कन्याओं को दिए जाते हैं। ऐसे में प्लास्टिक बर्तन के सेट की जमकर बिक्री हुई है।
- राकेश, व्यापारी