मेरठ (ब्यूरो)। दुर्घटना में अपने जबड़े की हड्डियां टूटने के बाद इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने एक गंभीर सर्जरी करके मरीज की जान को बचाया। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में पहली बार मैक्जिलोफेसियल सर्जरी का प्रयोग किया गया।
टूटे जबड़े की हुई सर्जरी
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडेय ने बताया कि मेडिकल कालेज के दंत चिकित्सा विभाग में बीते 45 साल के प्रवेश को भर्ती कराया गया था। उनके चेहरे पर गंभीर चोट लगी थी। मरीज प्रवेश को दंत चिकित्सा विभाग के सीनियर मैक्जिलोफेसियल सर्जन डॉ। मनु शर्मा एवं विभागाधक्ष दंत चिकित्सा डॉ। रियाज अहमद के अधीन भर्ती कराया गया। 3 डी सीटी फेस स्कैन जांच से पता चला कि मरीज का निचला जबड़ा बुरी तरह से टूट गया है। चिकित्सकों ने सर्जरी की सलाह दी। डॉ। मनु शर्मा, डॉ। रियाज अहमद, डॉ। विष्णु शर्मा की टीम ने इंप्लांट लगाकर मरीज के टूटे जबड़े की सफल सर्जरी की और मरीज की जान बचाई।
गल जाती हड्डी
गौरतलब है कि यदि मरीज की सर्जरी नही की जाती तो निकट भविष्य में मरीज के जबड़े की हड्डी गल जाती मरीज कुछ भी खा पी नही पता तथा उसकी जान भी जा सकती थी।
फ्री में किया गया इलाज
दंत चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। रियाज अहमद ने बताया कि मरीज आर्थिक रूप से बहुत ही ज्यादा कमजोर था मरीज के पास यूजर चार्ज जमा करने के भी पैसे नहीं थे। मरीज आयुष्मान लाभार्थी भी नहीं था फिर भी मरीज की जान बचाने के लिए मरीज को नि:शुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई गई।
न्यूरो सर्जरी टीम भी उपलब्ध
सहायक आचार्य दंत चिकित्सा विभाग डॉ। मनु शर्मा ने बताया कि मैक्जिलोफेसियल सर्जरी की सुविधा मेडिकल कालेज में दी जा रही है। ट्रामा सेंटर में जो भी मरीज गम्भीर रूप से घायल अवस्था में भर्ती होते हैं उनकी सर्जरी में न्यूरो सर्जरी टीम के साथ मैक्जिलोफेसियल सर्जरी टीम भी उपलब्ध रहती है। हम हर तरह के चेहरे की टूटी हुई हड्डियों तथा जबड़े आदि की सफल सर्जरी कर रहे हैं। मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने डॉ। अनामिका शर्मा, डॉ। रियाज अहमद, डॉ। मनु शर्मा, डॉ। विष्णु शर्मा को सफल सर्जरी के लिए बधाई दी।