मेरठ (ब्यूरो)। भाई दूज पर हर साल डेढ़ से दो लाख यात्री मेरठ रीजन के पांचों डिपो की बसों से सफर करते थे। मगर गत वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते यात्रियों की संख्या में कमी आ गई थी। हालांकि इस साल ये कमी भी दूर हो गई। सोहराबगेट डिपो और भैंसाली डिपो से ही करीब 66 हजार यात्रियों ने गत 24 घंटे में बसों से सफर किया। जिसमें भैंसाली डिपो से करीब 34 हजार से अधिक और सोहराबगेट से 32 हजार के करीब यात्रियों ने सफर किया।
जाम में फंसी बसें
वहीं बसों के फेरे बढ़ाए जाने के बाद के बाद यात्री घंटों बसों के इंतजार में रोडवेज बस डिपो के अंदर और बाजर खड़े दिखाई दिए। इतना ही नही देहात रूटों पर चलने वाली बसों की संख्या कम होने के कारण यात्रियों को बसों में सीट तक नही मिल सकी। बाकि रही सही कसर जाम ने पूरा कर दी। जाम के कारण दूसरे शहर में गई बसें दो-दो घंटा देरी से बस अड्डों पर वापस पहुंची।
बसों से नहीं मिली राहत
त्योहार के मद्देनजर लोकल रूटों 11 नवंबर तक 150 अतिरिक्त बसें चलाने की व्यवस्था रोडवेज ने की थी लेकिन इसके बाद भी यात्रियों को राहत नही मिली। मेरठ, भैसाली और सोहराब गेट डिपो पर बसों अतिरिक्त व्यवस्था करते हुए कौशांबी रूट पर सबसे ज्यादा बसों के 152 फेरे, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद रूट पर 72 फेरे और बड़ौत रूट पर 84 फेरे बढ़ाए गए थे। इन रूटों पर हर साल यात्रियों की संख्या सबसे अधिक रहती है। ऐसे में इस साल भी इसी आंकलन के हिसाब से रूट पर बसों की संख्या और फेरों में इजाफा किया गया था।
इन रूटों पर बढ़ाई अतिरिक्त बस और बढ़े फेरे
रूट बसों की संख्या फेरे
मेरठ-कौशांबी 38 152
मेरठ-बड़ौत 21 84
मेरठ-गाजियाबाद 18 72
मेरठ-मुजफ्फरनगर 18 72
मेरठ-शामली 16 64
मेरठ-बागपत 9 36
मेरठ-हस्तिनापुर 4 24
मेरठ- देहरादून 18 18
मेरठ-दिल्ली 9 18
मेरठ-ऋषिकेश 15 15
मेरठ-कोटद्वार 15 15
मेरठ-बिजनौर 15 15
भाई दूज पर यात्रियों की संख्या काफी अधिक रही। बसों की कमी नहीं रही तुरंत यात्रियों के लिए बसें उपलब्ध कराई गई। मगर मोदीनगर, सिवाया टोल, शहजहांपुर जैसे कुछ प्वाइंट पर घंटों बसें जाम में फंसी रहीं। इस कारण से कुछ रूटों पर बसों की कमी यात्रियों को झेलनी पड़ी। हालांकि अन्य रूटों की बसें लगाकर उसको कवर किया गया।
केके शर्मा, आरएम