मेरठ (ब्यूरो)। विश्व एनेस्थीसिया दिवस के अवसर पर सोमवार को एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग में पीएसी क्लीनिक का उद्घाटन किया गया। इस दौरान डॉ। सुभाष, डॉ। विपिन धामा, डॉ। योगेश ने मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया के इतिहास और एनेस्थीसिया सेवाओं में सुधार के बारे में चर्चा करते हुए जानकारी दी।
जांच बिना आसान नहीं ऑपरेशन
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडेय ने बताया कि प्राचार्य ने इस उन्नत पीएसी क्लिनिक का उद्घाटन किया जिसमें रोगी के श्वसन रिजर्व का जांच करने के लिए पीएफटी मशीन, हृदय की विद्युत गतिविधि का जांच करने के लिए ईसीजी मशीन, रोगी के बेसलाइन र1तचाप, हृदय गति और एसपी ओ 2 को रिकॉर्ड करने के लिए मॉनिटर उपलब्ध हैं। प्री एनेस्थेटिक जांच के बिना, किसी भी वैकल्पिक ऑपरेशन की योजना नहीं बनाई जाती है। विभिन्न आयु वर्ग के रोगियों के लिए प्रोटोकॉल आधारित जांच की जाती है। एनेस्थिशिया की दवाओं की खुराक की गणना के लिए रोगियों का वजन और ऊंचाई भी ली जाती है।
एनेस्थिीसिया की सही जानकारी
वहीं इस क्लीनिक पर रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को एनेस्थीसिया के प्रकार, एनेस्थीसिया के जोखिम और एनाल्जेसिक विकल्पों (एपिड्यूरल एनाल्जेसिया) के बारे में शिक्षित किया जाता है। बच्चों, वृद्धावस्था और गर्भवती महिला में ऑपरेशन के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रियाएं होती हैं इसलिए उचित मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। किसी भी कठिनाई की संभावना को कम करने के लिए ऑपरेशन से पहले मरीज की स्थितियों का जांच और उपचार किया जाता है। लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रोगी होने वाले ऑपरेशनों के लिए एनेस्थीसिया को सुरक्षित रूप से सहन कर सके और ऑपरेशन के दौरान फेफड़े या हृदय संबंधी परेशानियों की संभावना कम हो सके। इस अवसर पर सर्जिकल विशेषज्ञता के संकाय सदस्य उपस्थित रहे।