मेरठ (ब्यूरो)। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग ने शुक्रवार को सफल अप्युलेंट टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी सफलतापूर्वक कर भविष्य में मरीजों के लिए नई सुविधाओं की शुरुआत कर दी।
वजन से बढ़ी परेशानी
अस्थि रोग विभाग के सह आचार्य डॉ। शशांक जिंदल ने बताया की 55 साल की सुनीता नाम की मरीज के दोनों घुटने उनके शरीर का वजन अधिक होने (95 किलो) की वजह से खराब हो गए थे। इस रोग में मरीज को चलने फिरने, सीढिय़ां चढऩे, उकड़ू बैठने, आलथी-पालथी मारकर बैठने में अत्यधिक दर्द होता था। इन परिस्थितियों में मरीज के घुटने भी टेढ़े हो जाते हैं, जिससे मरीज की चाल में भी फर्क आ जाता है। मरीज को कम उम्र और अधिक वजन होने के कारण अप्युलेंट टोटल नी रिप्लेसमेंट की सलाह दी गई।
टाइटेनियम के घुटने
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडे ने बताया कि आम कृतिम घुटनों के मुकाबले टाइटेनियम के घुटने 8 गुना ज्यादा सख्त होते हैं और अगले 35 वर्षों तक चल जाते हैं। इस ऑपरेशन में सर्जन डॉ। शशांक जिंदल, शिवम भाटी, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ। योगेश मानिक, डॉ, प्रमोद चंद, ओटी टेक्निशियन और नर्सिंग स्टाफ आदि मौजूद रहे। ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेसियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने एपीड्यूरल एनेस्थेसिया दिया जिससे मरीज को ऑपरेशन के दौरान बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ और ऑपरेशन के बाद भी सुन्नपन खत्म होने पर कोई दर्द नहीं हुआ। मरीज ऑपरेशन के दूसरे दिन से अपने पैरों पर आराम से बिना दर्द के चल फिर पा रही हैं और राजमर्रा के काम भी आसानी से कर रही हैं।
आयुष्मान योजना में मुफ्त इलाज
प्रधानाचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने बताया कि इस प्रकार के एक घुटने के ऑपरेशन का अनुमानित खर्च निजी अस्पतालों में 4 से 5 लाख रुपया आता है। परंतु इसे मेडिकल कॉलेज में मात्र 92 हज़ार रुपए में कराया गया। आयुष्मान लाभार्थियों के लिए यह सुविधा मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क उपलब्ध है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। ज्ञानेश्वर टोंक, डॉ। शशांक जिंदल, डॉ। योगेश मानिक, डॉ। प्रमोद चंद, डॉ। शिवम भाटी एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी।