7 हजार बच्चों पर सिर्फ एक बाल रोग विशेषज्ञ है
147 बाल रोग विशेषज्ञ हैं इस समय जिले में
14 साल तक के बच्चों की संख्या जिले में 10 लाख
11 डॉक्टर्स स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं
35 डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में है। इसमें सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स दोनों को शामिल किया गया है
4 डॉक्टर्स जिला अस्पताल में कार्यरत हैं
5 डॉक्टर्स महिला अस्पताल में कार्यरत हैं
92 बाल रोग विशेषज्ञ प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं
Meerut। संभावित तीसरी लहर को लेकर अलर्ट है। यही नहीं, संसाधनों को बढ़ाने और इन्हें दुरुस्त करने के लिए शासन करोड़ों रूपये खर्च कर रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार 12 साल तक के बच्चों को कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर अपनी चपेट में ले सकती है, लेकिन डॉक्टर्स की कमी के चलते सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर तीसरी लहर ने कहर बरपाया तो बच्चों का इलाज करेगा कौन करेगा? स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में डॉक्टर्स का टोटा है।
डॉक्टर्स का टोटा
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में 7 हजार बच्चों पर सिर्फ एक बाल रोग विशेषज्ञ है। जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल 147 बाल रोग विशेषज्ञ हैं। जिसमें प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के डॉक्टर्स शामिल हैं। जबकि 14 साल तक के बच्चों की संख्या जिले में 10 लाख है।
शासन को दी सूचना
इस बाबत मेरठ के सीएमओ डॉ। अखिलेश मोहन ने बताया कि व्यवस्था की जा रही है। शासन को भी इस संबंध में सूचित किया गया है। मैनपॉवर के लिए अलग से ट्रेनिंग सेशन भी कराए जा रहे हैं।
लाखों में बच्चों की आबादी
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 14 साल के बच्चों की आबादी लाखों में है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 10 लाख बच्चे जिले में मौजूद हैं। इसमें लाख से ज्यादा बालक हैं। जबकि करीब पौने पांच लाख के आसपास की आबादी लड़कियों की है।
नहीं दिया गया ध्यान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बच्चों की चिकित्सा को लेकर व्यापक स्तर पर ध्यान नहीं दिया गया। चूंकि तीसरी लहर का खतरा बच्चों पर अधिक माना जा रहा है। इसके बाद ही इस तरह के आंकड़े समाने आए हैं। हालांकि, डॉक्टर्स के साथ ही जिले में बच्चों के लिए इलाज के लिए पर्याप्त बेड व अन्य संसाधनों का भी टोटा है।