मेरठ (ब्यूरो)। यह एक ऐसी समस्या है जिस पर हमारा ध्यान बहुत कम जाता है। महानगर बस सेवा के नाम पर शहर के दैनिक यात्रियों का सफर पिछले डेढ़ साल से अधर में अटका हुआ है। साल भर पहले तक शहर की सड़कों से पूरी तरह गायब हो चुकी सिटी बसों की कमी इस साल सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के रूप में पूरा होना तो शुरू हो गई है, लेकिन इन बसों की संख्या भी इतनी कम है कि शहर के लाखों दैनिक यात्रियों का सफर रोजाना आधा घंटा देरी से पूरा हो रहा है। बसों की हालत इतनी जर्जर है कि रोज 12-15 बसें वर्कशॉप में पहुंच रही है। हालांकि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने से जल्द राहत मिलने की उम्मीद है।

चार बसों के भरोसे यात्री
वर्तमान में शहर में 73 सीएनजी और 5 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। इनमें से भी मेन शहर के अंदर मात्र 4 बसों का संचालन हो रहा है बाकि देहात और बाईपास पर ही बसें संचालित हो रही हैं। हालांकि देहात रूट पर चलने वाली बसें बेगमपुल, हापुड अड्डा तक जा रही हैं, लेकिन बेगमपुल, ईव्ज चौराहा, बच्चा पार्क, आबूलेन, दिल्ली रोड आदि जाने वाले यात्रियों को बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। जबकि सबसे अधिक शहर के लोग इसी रूट पर बने स्कूल कॉलेज, कार्यालयों में जाने के लिए बस का प्रयोग करते हैं।

आयु ने कम की बसों की संख्या
साल 2020 के अंत तक शहर में सिटी बसों का संचालन प्रभावित होना शुरू हो गया था। दरअसल महानगर बस सेवा के तहत साल 2010 में सिटी बसों का संचालन शुरू हुआ था। तब 130 के करीब सिटी बसें शहर में संचालित हो रही थीं। 10 साल बाद बसों की आयु पूरी होने पर बसों की संख्या कम होना शुरू हुई जो कि साल 2020 दिसंबर से कम होते होते साल 2021 फरवरी तक पूरी तरह खत्म हो गई। मार्च 2021 में मात्र एक सिटी बस के भरोसे शहर के दैनिक यात्री थे। हालांकि इसके बाद तुरंत अप्रैल में नई सिटी बसें शहर में आनी थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सिटी बसों की डिलीवरी टल गई। जोकि जून 2021 में शुरू हुई।

10 साल पुरानी बसों के भरोसे यात्री
जून 2021 में कानपुर से सीएनजी बसों की डिलीवरी शुरू हुई थी। जोकि दिसंबर तक जारी रही और दिसंबर तक 80 के करीब सीएनजी बसों का संचालन शहर में शुरू कर दिया गया। लेकिन खासबात यह रही कि मेरठ महानगर सिटी बसों को दी गई 80 सीएनजी बसें कानपुर में 10 साल चल चुकी बसें थीं, जिनको पूरी तरह अपडेट कर संचालित तो करा दिया गया लेकिन बसों की हालत इस कदर कंडम है कि आए दिन बसें बीच सफर में खराब होती रहती हैं।

फैक्ट-
- 80 सीएनजी और 5 इलेक्ट्रिक बसों का हो रहा संचालन
- 73 सीएनजी वर्तमान में रोड पर हो रहीं संचालित
-शहर से देहात के 8 रूटों पर सीएनजी बसों का संचालन
-शहर से बाईपास और देहात के लिए मात्र 5 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन
- शहर में करीब सवा लाख से अधिक दैनिक यात्री
- सबसे अधिक लोड मेडिकल से बेगमपुल रूट, हापुड अड्डा से रेलवे स्टेशन रूट पर


इन रूटों पर हो रहा संचालन
रूट बसों की संख्या
- भैंसाली से सरधना 21
- हापुड अडड़ा से शहांजहापुर, किठौर 14
- मोदीपुरम से वाया बाईपास मोदीनगर 25
- सिटी स्टेशन वाया हापुड अडडा 2
- सिटी स्टेशन वाया जेल चुंगी 2
- राधा गोविंद से सिवाया 2
- जीरो माइल से सतवाई 2
- भैंसाली से करनावल 3
- लोहियानगर से मोदीपुरम वाया बेगमपुल 2
- मेडिकल से लखवाया वाया हापुड अडडा 2
- लोहियानगर से मोदीनगर वाया बिजलीबंबा 1

वर्जन-
हमारी 73 सीएनजी बसें ऑनरोड सेवा दे रही हैं। इससे अलग पांचों इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जारी है। जल्द 45 बसें ओर शहर को मिलने वाली हैं। बसों की संख्या बढऩे से यात्रियों के इंतजार की अवधि कम होती रहेगी।
- विपिन सक्सेना, एआरएम