मेरठ (ब्यूरो)। जीभ का स्वाद बच्चों के दिमाग पर भारी पड़ रहा है। कम उम्र में ही बच्चों में 60 साल वाली बीमारी मिल रही हैं। मोटापे के अलावा बच्चों में डायबिटीज, दिमाग में सूजन, रचनात्मक क्षमता में कमी, एग्रेशन, एकाग्रता में कमी देख डॉक्टर्स भी हैरान हैं। बच्चों की थाली में परोसे जाने वाले नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक आदि का असर सीधे उनकी तार्किक क्षमता यानी आई क्यू पर दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग की अध्ययन रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
ये है स्टडी रिपोर्ट
विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक बीते छह महीने में 25274 बच्चों पर स्टडी हुई। ये सभी बच्चे अलग-अलग समस्या लेकर मानसिक रोग विभाग में पहुंचे थे। इनमें 12642 बच्चों में एकग्रता की समस्या पाई गई। इन बच्चों का आई क्यू लेवल काफी कम मिला। 4632 बच्चों में शारीरिक दुर्बलता मिली। 8274 बच्चों में हड्डियों के रोग, कुपोषण आदि मिला। 15 फीसदी बच्चों में मधुमेह पाया गया। 4 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चे इसमें शामिल हैं।
बिगड़ रहे बच्चों के हार्मोन
डाक्टर्स के मुताबिक बच्चों में नमक और मीठे की अधिकता उनके हार्मोंस को प्रभावित कर रही है। हर्मोनल चेंज से बच्चों की ग्रोथ भी रूकने लगी है। बच्चों में अवसाद का रिस्क कई गुना बढ़ गया है। वहीं बच्चों के सर्वागींण विकास के साथ ही उनके व्यक्तित्व, फोकस करने की क्षमता में काफी हद तक कमी देखी गई है।
केमिकल बन रहे खतरनाक
डॉक्टर्स के मुताबिक रोल, आइसक्रीम नूडल, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक आदि में कई तरह के खतरनाक केमिकल मिलाएं जाते हैं। इनकी लाइफ बढ़ाने के लिए प्रयोग होने वाले प्रिजर्वेटिव में भी केमिकल होते हैं। ये बच्चों में नए टेस्टबड डेवलप कर देते हैं और बच्चे इसके एडिक्ट हो जाते हैं। इसकी वजह से बच्चे बार बार इनकी डिमांड करते हैं।
मोटापा दे रहा डायबिटिज
डॉक्टर्स बताते है कि जंक फूड के केमिकल्स को डाइजेस्ट करने में शरीर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। जिसकी वजह से पूरा पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है। मोटापा बढऩे लगता है। दिमाग की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और डायबिटिज जैसी बीमारी घेरने लगती है।
मिनरल व विटामिन की कमी से होने वाली समस्याएं
आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 इनकी कमी से ब्लड की कमी की समस्या के साथ ही बच्चे का विकास भी प्रभावित होता है। फोलिक एसिड की कमी की वजह से एकाग्रता और आईक्यू लेवल में कमी आ सकती है।
जिंक - दिमाग के विकास में समस्या।
सेलेनियम - संक्रमण को कम करने में मददगार।
विटामिन-ए - अंधता और जानलेवा संक्रमण का खतरा।
कैल्शियम और विटामिन-डी - शारीरिक विकास में कमी।
बच्चों में जंकफूड कई बीमारियों की सबसे बड़ी वजह बनकर सामने आ रहा है।उनकी तार्किक क्षमता खोने लगी है। बच्चों को शुरू से पौष्टिक खाना दें। जंक फूड के नुकसान बताएं।
डॉ। नवरत्न गुप्ता, एचओडी बाल रोग विभाग, मेडिकल कॉलेज
बच्चों में जंकफूड के कई तरह के नुकसान सामने आ रहे हैं। पोषण तत्वों की कमी से मानसिक और शारीरिक ग्रोथ काफी कम पाई जा रही है। पेरेंट्स को चाहिए कि अगर बच्चा इस तरह के खाने के लिए जिद करे तो उसकी जिद पूरी न करें।
डॉ। विभा नागर, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट