मेरठ (ब्यूरो)। शासन स्तर से जारी बीएसए और अन्य अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। इसके तहत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पहले दूर-दराज के क्षेत्रों में बने स्कूलों का निरीक्षण करें। इसके बाद शहरी क्षेत्र में बने स्कूलों की व्यवस्थाओं को देखे। यही नहीं, अब निरीक्षण करने से बचने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
नहीं छू सके टारगेट
गौरतलब है कि शासन ने सभी जिलों से सितम्बर 2020 से फरवरी 2022 तक एक लाख 44 हजार 88 स्कूलों के निरीक्षण का लक्ष्य रखा था। वहीं, अधिकारियों ने महज एक लाख 7 हजार 783 स्कूलों की व्यवस्थाओं को देखा। लिहाजा प्रदेश में 36 हजार 305 स्कूलों को निरीक्षण नहीं किया।
623 स्कूलों का निरीक्षण
वहीं मेरठ में 1400 स्कूलों का निरीक्षण किया जाना था, लेकिन इनमें से महज 623 स्कूलों का ही निरीक्षण हो सका। इनमें महज 34 ही स्कूल हैं जो दूर दराज के पाए गए हैं। बाकी सभी आसपास के ही स्कूल है। ऐसे में अब शासन ने रिपोर्ट को देखते हुए सभी बीएसए की फटकार लगाई है। मेरठ के भी बीएसए विभाग में इसके तहत पत्र आया है।
निरीक्षण मॉड्यूल के तहत
दरअसल, शासन ने लिखा है कि रिपोर्ट देखने से पता चल है कि जिला-तहसील मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालयों के आसपास स्थित स्कूलों का निरीक्षण तो किया जा रहा है लेकिन दूर के स्कूल निरीक्षण से वंचित है। दरअसल, अधिकारियों को प्रेरणा ऐप पर निरीक्षण मॉड्यूल के तहत करना होता है। रियल टाइम डाटा भरना होता है वहीं फोटो भी अपलोड करनी होती है ताकि कोई गलत जानकारी न भर सके। इसी की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने फटकार लगाई है अब आगे के लिए नियम बदला है, शासन ने कहा है कि अब पहले देहात के दूर के इलाकों के स्कूलों का निरीक्षण कर उनकी रिपोर्ट अपलोड करें, बाद में आसपास के स्कूलों का निरीक्षण होना चाहिए, अगर कोई गड़बड़ी होगी तो इस संबंध में कार्रवाई हो सकती है।
एक नजर में
1,44,088 स्कूलों के निरीक्षण का लक्ष्य था सितंबर 2020 तक
1, 07, 783 स्कूलों का ही निरीक्षण किया जा सका
36, 305 स्कूलों को निरीक्षण नहीं किया गया
1400 स्कूलों का निरीक्षण किया जाना था मेरठ में
623 ही स्कूलों का निरीक्षण कर सके अधिकारी
34 स्कूल ही दूर दराज के देहाती इलाकों में हैं
44.5 फीसदी स्कूलों में ही अधिकारियों ने दौरा किया
कोशिश होगी कि सबसे पहले दूर दराज के स्कूलों का सबसे पहले निरीक्षण किया जाए। कांवड़ यात्रा के बाद स्कूलों का निरीक्षण करके व्यवस्थाओं को देखा जाएगा।
योगेंद्र कुमार, बीएसए