मेरठ (ब्यूरो)। बिजली विभाग पर बकाएदारों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और वसूली लक्ष्य के सापेक्ष हो नहीं पा रही है। इससे आजिज आकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने गत माह फोन घुमाओ अभियान शुरू किया था। मगर विभाग की परेशानी तब और बढ़ गई जब मेरठ जनपद के करीब 97 बकाएदारों से संपर्क ही नहीं हो पाया। लिहाजा, अब विभाग ने इन सभी बकाएदारों के घर की घंटी बजाने का मन बना लिया है। इसका बड़ा कारण है कि मेरठ के बकायेदारों पर विभाग के 700 करोड़ से अधिक बकाया हैैं।
शहर के 29 हजार बकायेदार
गौरतलब है कि बिजली विभाग के बकायेदारों से बकाया वसूली के लिए गत माह 1 सितंबर से 30 सितंबर तक फोन घुमाओ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के माध्यम से बकायेदारों को बिजली के बिल के भुगतान के लिए जागरूक किया जाना था। इसके तहत रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सभी सब स्टेशन से बकाएदारों के मोबाइल नंबर पर कॉल कर बिल जमा करने के साथ ही उनकी बिल संबंधी समस्याओं का निस्तारण भी किया गया। अभियान के दौरान मेरठ जोन में करीब 5.02 लाख उपभोक्ताओं को फोन लगाया गया, जिसमें से 4.05 लाख बकायेदारों ने फोन रिसीव किया। मगर 5.02 लाख बकायेदारों में करीब 97 हजार उपभोक्ताओं से संपर्क ही नहीं हो पाया। अधिकतर के नंबर या तो बंद मिले या फिर फोन नंबर बदल चुके थे। वहीं शहर में सभी पांच डिवीजन में विभाग ने 1.72 लाख उपभोक्ताओं को फोन मिलाया था, जिनमें से 29 हजार बकायेदारों से विभाग का संपर्क नहीं हो सका। जबकि 1.43 लाख उपभोक्ताओं का फोन रिसीव हुआ और उनको बिल जमा करने के लिए जागरूक कर दिया गया।
फैक्ट्स एक नजर में
1 से 30 सितंबर तक चलाया गया था बकाया वसूली के लिए फोन घुमाओ अभियान।
अभियान में घरेलू, कमर्शियल, नलकूप, इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को किया गया शामिल।
अभियान के तहत पीवीवीएनएल के 14 जनपदों में 40 लाख से अधिक बकाएदार।
14 जनपदों के 8.08 लाख बकायेदारों का नही मिला फोन।
40 लाख बकाएदारों पर पीवीवीएनएल का 7 हजार करोड़ बकाया।
32.73 लाख उपभोक्ताओं से किया गया फोन पर संपर्क।
मेरठ जनपद में 5 लाख से अधिक बकाएदार।
फोन घुमाओ अभियान के तहत मेरठ जोन के 5.02 लाख बकायेदारों को लगाया गया फोन।
इन बकायेदारों पर करीब 700 करोड़ से अधिक बकाया।
मेरठ जोन के 97 हजार बकायेदारों का नहीं मिला नंबर।
अभियान में 36 प्रमुख बकाएदार यानी सरकारी विभाग नहीं किए गए शामिल।
मेरठ के 36 सरकारी विभागों पर ही 18.72 करोड़ से अधिक बकाया।
जिन बकाएदारों के नंबर बंद आ रहे हैं या बदल गए हैं उनके घर जाकर बकाया बिल जमा करने के लिए जागरूक किया जाएगा। बकायेदारों का पूरा रिकार्ड विभाग के पास है। ये केवल जागरूकता अभियान था पहले चरण में फोन पर जागरूक करना था। अधिकतर से संपर्क हो गया और रेस्पांस मिलना शुरू हो गया है।
विजय पाल, एसई सिटी