लर्निंग, रीडिंग और स्पीकिंग स्किल होंगे डेवलप
रनिंग सेशन में ये चेंज 11वीं में इंप्लीमेंट किए जाएंगे। जबकि 12वीं में ये चेंज अगले एकेडमिक सेशन से लागू होंगे। बोर्ड का कहना है कि इन चेंजेज से स्टूडेंट्स के लर्निंग रीडिंग और स्पीकिंग स्किल डेवलप होंगे।
आया नया सिलेबस
बोर्ड ने 11वीं के लिए नया सिलेबस जारी कर दिया है। इस रिवाइज्ड सिलेबस में बोर्ड का दावा है कि स्टूडेंट्स के ओवर ऑल स्किल सुधरेंगे और स्टूडेंट क्लास पास करने के साथ ही बाहरी दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हो जाएगा। बोर्ड का कहना है कि नया कोर्स स्किल बेस्ड है। जो कि लैंग्वेज स्किल्स को डेवलप करने के लिए ऑल राउंड अपर्चूनिटी देगा। इससे स्टूडेंट अपने रीडिंग, राइटिंग, लिस्निंग और स्पीकिंग स्किल्स को सुधार पाएंगे।
ग्रामर भी सुधरेगी
कोर्स को लिट्रेरी, डिस्कसिव, डिस्क्रिप्टिव, फैक्चुअल बनाया गया है। इसके साथ ही कोर्स का फ्रेम वर्क ऐसा डिजायन किया गया है, जिससे स्टूडेंट्स की वोकेबलरी बढ़ेगी और वर्ड बिल्डिंग स्किल्स डेवलप होंगे। इसके साथ ही बच्चों में राइटिंग हेबिट बनी रहे इसका भी ख्याल रखा गया है। इसके साथ ही ग्रामर सुधारने के लिए भी एक्टिविटी इनक्लूड की गई है।
ज्यादा मेहनत नहीं
कोर्स को इस तरह से बनाया गया है कि टीचर्स को बच्चों पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। टीचर को क्लास में सिर्फ एक मैनेजर, कोर्डिनेटर या फैसिलेटर का रखना होगा। बोर्ड का कहना है कि क्लास पास करने के समय तक स्टूडेंट की इंग्लिश यूज करने की क्षमता में विकास होगा। कहां कब कैसे किस तरह की लैंग्वेज और टोन का इस्तेमाल होना है ये पता चलेगा। एकेडमिक्स और ऑक्यूपेशनल फील्ड में कैसी लैंग्वेज यूज होगी इसका भेद पता चल सकेगी।
जानेंगे बहुत कुछ
कोर्स चैप्टर्स से स्टूडेंट्स में एनवायरमेंट कंजर्वेशन, सेफ्टी एंड हेल्थ, डिग्निटी ऑफ लेबर, रोल ऑफ मीडिया, जेंडर सेंसिटीविटी के प्रति अवेयरनेस बढ़ेगी। टीचर और स्टूडेंट के बीच में इंट्रेक्शन ज्यादा होगा। बच्चों को वोकेशनल और ऑक्युपेशनल का अंतर मालूम पड़ेगा और कम्यूनिकेशन स्किल मजबूत होंगे।
ऐसे होगा मार्किंग
इसके साथ ही बोर्ड ने मार्किंग स्कीम भी जारी की है। बोर्ड कोर्स का चार भागों में डिवाइड किया है। जिसमें से रीडिंग के 20 नंबर, राइटिंग स्किल और ग्रामर के 30 नंबर, लिट्रेरी एप्रीसिएशन एंड एक्सटेंडेड रीडिंग टेक्स्ट के 30 नंबर और एसेस्मेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिस्निंग स्किल्स के 20 नंबर रखे गए हैं।
"नया कोर्स वर्क बहुत ही इफेक्टिव है। इससे स्टूडेंट्स में कांफिडेंस बढ़ेगा और वो अपने स्किल्स को डेवलप कर पाएंगे."
-डॉ। साधना पराशर, डायरेक्टर, एआरटी एंड आई, सीबीएसई
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