मेरठ, (ब्यूरो)। गौरतलब है कि सहारनपुर में विश्वविद्यालय बनने से तीन जिलों के स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा। वहीं, 264 कॉलेजों के साथ निर्माणाधीन श्री शाकंभरी देवी सहारनपुर यूनिवर्सिटी से करीब पौने दो लाख स्टूडेंट्स को सहूलियत मिलेगी। अब उन्हें यूनिवर्सिटी के काम से मेरठ नहीं आना पड़ेगा। शासन का उद्देश्य है कि दूर-दराज से आने वाले छात्रों को सहारनपुर में बनने वाले विश्वविद्यालय के जरिए सहजता से उच्च शिक्षा मुहैया कराई जा सके। इसलिए इस यूनिवर्सिटी की नींव रखी गई है।
सीसीएसयू को मिलेगी राहत
दरअसल, सहारनपुर में राज्य यूनिवर्सिटी की स्थापना होगी। इससे सहारनपुर में उच्च शिक्षा के नए द्वार ही नहीं खुलेंगे। बल्कि नौ जिलों में एक हजार कॉलेजों के बोझ से दबी सीसीएसयू को भी राहत मिलेगी। सीसीएसयू के खाते से तीन जिलों के 27 प्रतिशत कॉलेज और 30 प्रतिशत छात्र नवनिर्मित यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हो जाएंगे।
264 कॉलेजों को फायदा
गौरतलब है कि सहारनपुर मंडल के शामली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में मेरठ यूनिवर्सिटी के 11 एडेड, नौ राजकीय और दो सौ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज आते हैं। इन कॉलेजों में 77 हजार 342 स्टूडेंट हैं। सहारनपुर यूनिवर्सिटी के निर्माण से 77 हजार 342 स्टूडेंट सीधे तौर पर मां शाकंभरी देवी यूनिवर्सिटी में आ जाएंगे। कुलपति सम्मेलनों में पहले कई बार सहारनपुर यूनिवर्सिटी को बनाने की मांग उठी थी, लेकिन सहारनपुर में राज्य यूनिवर्सिटी को मंजूर नहीं कराया जा सका। वहीं सेल्फ फाइनेंस कॉलेज मिलाकर टोटल 264 कॉलेज है जिनसे पौने दो लाख करीब स्टूडेंट्स को फायदा होने वाला है।
आगरा से अलग हुई थी सीसीएसयू
वेस्ट यूपी के इन नौ महत्वपूर्ण जिलों में 1965 के बाद कोई एफिलिटिंग स्टेट यूनिवर्सिटी नहीं बनी। 1965 में आगरा यूनिवर्सिटी से काटते हुए सीसीएसयू (मेरठ यूनिवर्सिटी) की स्थापना की गई थी। कुछ वर्षों में पहले नोएडा में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई, लेकिन यह कैंपस यूनिवर्सिटी है।
अभी लगेगा कुछ समय
गौरतलब है कि अभी सहारनपुर में शाकंभरी देवी विश्वविद्यालय का अभी सिर्फ शिलान्यास किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूर्ण होगा। इसमें उत्तर पुस्तिका विभाग, लाइब्रेरी, रजिस्ट्रार व वीसी कार्यालय, सभागार सहित हॉस्टल आदि के निर्माण भी होंगे। कम्प्यूटर लाइब्रेरी की व्यवस्था यूनिवर्सिटी में होगी। परीक्षा विभाग आदि की भी व्यवस्था होगी।