मेरठ ब्यूरो। सीसीएस यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में संस्कृति विषयक प्री पीएचडी कोर्स वल्र्ड का शुभारंभ किया गया। सोमवार को संस्कृत विषय में प्री पीएचडी कोर्स वल्र्ड का शुभारंभ कला संकाय के एचओडी प्रो।संजीव शर्मा और हिंदी विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो।नवीन चंद लोहानी ने किया।
शोध प्रक्रिया समझाई
इस मौके पर हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो। नवीन लोहानी ने शोध प्रविधि प्रक्रिया को सुगम एवं सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने शोध प्रविधि के महत्व पर प्रकाश डाला। कला संकाय के एचओडी प्रो।संजीव शर्मा ने बताया कि संस्कृत में जनोपयोगी शोध की आवश्यकता है। उन्होंने अथर्ववेद के प्रश्नपरक मंत्रों को बताते हुए कहा कि शोधार्थियों को सर्वप्रथम प्रश्नकर्ता एवं जिज्ञासु होना चाहिए।
कर्मकांड तक सीमित न रहे
उन्होंने कहा कि संस्कृत को सिर्फ संस्कृत विभाग या कर्मकांड तक सीमित ना रखकर बल्कि इसके ज्ञान विज्ञान और परंपरा को राजनीति विज्ञान, प्रबन्धन, नैतिक मूल्य, खगोल विज्ञान, अर्थशास्त्र, मानविकी में भी उपयोग करें।
मंगलाचरण से शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ शोध छात्र दीपक आर्य ने मंगलाचरण से किया। इस अवसर पर संस्कृत विभाग की अध्यापक डॉ।संतोष कुमारी, डॉ।राजबीर डॉ।नरेन्द्र कुमार एवं मेरठ कॉलेज से सहायक आचार्य अरविन्द कुमार एवं सभी शोधार्थी उपस्थिति रहे ।संस्कृत विभाग के समन्वयक प्रो। वाचस्पति मिश्र ने सभी का धन्यवाद किया।