मेरठ, ब्यूरो। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि यह संज्ञान में आया है कि कुछ छात्र अब भी उस शहर में नहीं हैं। कोरोना काल के चलते या किसी अन्य कारणों से वो बाहर हैं, जहां उन्होंने दाखिला लिया था। ऐसे में इन स्टूडेंट्स को अपने ही स्कूलों को रिक्वेस्ट कर उसी शहर में पेपर देने की अनुमति लेनी होगी।
अनुरोध बोर्ड तक पहुंचाना
वे परीक्षा केंद्र के शहर में बदलाव के लिए अपने संबद्ध स्कूलों से अनुरोध करें ताकि स्कूल अनुरोध को ऑनलाइन माध्यम से बोर्ड तक पहुंचाने के लिए सीबीएसई के निर्देशों का पालन करेंगे। 10वीं कक्षा के लिए टर्म-1 की परीक्षा 30 नवंबर से, जबकि 12वीं कक्षा के लिए एक दिसंबर से होने का कार्यक्रम है। ऐसे में स्टूडेंट्स को सीबीएसई द्वारा उस शहर में किसी एक सेंटर पर पेपर देने की अनुमति दी जाएगी, जहां वो पेपर दे सकेंगे।
इनका है कहना
हमारे शहर में ऐसे स्टूडेंट्स बहुत ही कम हैं। ये उन स्टूडेंट्स के लिए है, जिन्होंने यहां एडमिशन ले रखा है पर किसी कारण से वो अपने रिश्तेदार के यहां या किसी दूसरे शहर में हैं। वो उसी शहर में सेंटर पर पेपर दे सकते हैं।
सुधांशु शेखर, सिटी कोर्डिनेटर, सीबीएसई एवं प्रिंसिपल, केएल इंटरनेशनल
कोविड व डेंगू जैसी बीमारी फैल रही है। इन दिनों बीमारियां लगातार बढऩे लगी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। जो जहां है वहीं पर पेपर दे सकता है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
राहुल केसरवानी, प्रिंसिपल, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल
सीबीएसई ने ये बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, लेकिन मेरठ के बहुत ही कम स्टूडेंट्स हैं, जिनको इसकी अवश्यकता होगी, बाकी इससे स्टूडेंट्स को बहुत सहूलियत मिलेगी।
अनिता त्रिपाठी, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल
दरअसल कुछ स्टूडेंट्स ऐसे है जो कोविड के चलते या किसी अन्य कारणों से अपने रिश्तेदारों के या दूसरे शहर में अटके हुए हैं। उनके लिए ये राहत वाला फैसला सीबीएसई ने लिया है।
कर्मेंद्र सिंह, प्रिंसिपल, कालका पब्लिक स्कूल