मेरठ ( ब्यूरो)। जंगलों में पानी न मिलने के कारण वन्य जीव भटकते हुए शहरी क्षेत्रों में आ जाते हैं। इस कारण शहरी क्षेत्रों में दहशत बनी रहती है। हालत यह है कि बीते कुछ दिनों से कैंट क्षेत्र में तेंदुए के देखे जाने का दावा किया जा रहा है। दावा है कि सीसीटीवी में तेंदुए का चित्र भी कैद है। वह कैंट इलाके में घूमता नजर आ रहा है। ऐसे में वन्य जीवों को जंगलों में ही रोकने के लिए वन विभाग ने पहल की है।
तालाबों में रोजाना भरा जाता है पानी
गौरतलब है कि वन विभाग ने मेरठ, हस्तिनापुर वन रेंज, मवाना आदि के देहात क्षेत्र में तालाबनुमा गड्ढे बनाए हैं। जिसमें प्रतिदिन पानी भरा जाता है। ताकि जो भी वन्य जीव प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकते हैं। उन्हें अपने आस पास ही पानी मिल जाए।
रोजाना की जाती है मॉनिटरिंग
डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि वन क्षेत्रों में पानी के लिए छोटे -छोटे 11 तालाब नुमा गड्ढे बनाए गए हैं। उनकी गहराई भी ज्यादा नहीं है। इसमें वन्यजीव आसानी से पानी पी सकते हैं। प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग भी की जाती है। वहीं, वन विभाग के कर्मचारी रोजाना तालाबनुमा गड्ढों में पानी भरते हैं।
गांव की तरफ रुख ना करें जानवर
डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि अक्सर जंगलों में पानी न मिलने से वन्य जीव भटकते भटकते शहरी क्षेत्र में आ जाते हैं। इससे यहां पर दहशत हो जाती है। कई बार वन विभाग को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू करने में सफलता मिलती है। ऐसे में वन विभाग ने वन्य जीवों को आसानी से पानी उपलब्ध कराने की पहल की है। ऐसे में हस्तिनापुर सेंचुरी और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले वन्य जीवों को भटकना नहीं पड़ेगा।
आठ साल में 9 बार दिखा तेंदुआ
गौरतलब है कि शहर में तेंदुआ दिखने की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालत यह है कि बीते आठ साल में 9वीं बार शहरी क्षेत्र में तेंदुआ नजर आया है। सबसे पहले साल 2014 में सदर बाजार में तेंदुआ घनी आबादी के बीच घुस आया था। उसे कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा गया था। इसके बाद 2016 में कैंट हॉस्पिटल में तेंदुए ने बवाल मचाया था। सरधना, हस्तिनापुर, गंगोल, किठौर क्षेत्र में तेंदुआ दिख चुका है। वहीं घनी आबादी के बीच तेंदुए की आवाजाही ने आम जन के मन में दहशत बढ़ा दी है।
एक साल में दो बार आया
तेंदुए की शहर में आमद कोई नई बात नही है। इस साल दूसरी बार तेंदुआ शहर में आया है। इससे पहले 4 मार्च को पल्लवपुरम में आवासीय क्षेत्र में तेंदुआ घुस गया था। जिसे वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत कर पकड़ा था और जंगलों में छोड़ा गया था। अब साल के अंत में ज्वाला नगर में तेंदुए के देखे जाने से वन विभाग समेत शहर के आम जन की चिंता बढ़ गई है।
कब कब शहरी क्षेत्र में दिखा तेंदुआ-
- 24 फरवरी 2014
सदर बाजार में केले वाली कोठी मं लकड़ी की टाल में दिखा था
- 12 अप्रैल 2016
कैंट हॉस्पिटल के वार्ड में घुस गया था, तब दहशत मची थी।
- सितंबर 2017
सरधना क्षेत्र में करनाल हाइवे में सडक़ पर तेंदुआ दिखा था।
- मार्च 2020
परतापुर के गंगोल क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई दिया था।
- फरवरी 2021
किठौर के फतेहपुर नारायण में लोगों को तेंदुआ दिखाई दिया था।
- नवंबर 2021
हस्तिनापुर के नीमका कुंडा गांव में घायल अवस्था में तेंदुआ मिला था।
- 4 मार्च 2022
पल्लवपुरम के आवासीय क्षेत्रों में लोगों को तेंदुआ नजर आया था।
- 3 दिसम्बर 2022
ज्वाला नगर में अभी रात 2.50 बजे तेंदुए की सूचना मिली। इसके बाद से तेंदुए की तलाश तेज हो गई है। 4 टीमेें तेंदुए की तलाश कर रहीं हैं।
मेरठ समेत कई क्षेत्रों में तेंदुआ मिल चुका है। इसके अलावा जानवरों की प्यास बुझाने के लिए तलाबनुमा गड्डे बनाकर उनमें पानी भरा गया है। ताकि जानवरों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके।
- राजेश कुमार, डीएफओ