मेरठ, (ब्यूरो)। गौरतलब है कि आगामी मार्च में यूपी बोर्ड एग्जाम शुरू होंगे। इससे पहले प्री बोर्ड और प्रैक्टिकल भी होंगे। दरअसल, इस बार एग्जाम में कोई लापरवाही न हो, इसलिए शासन ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
रेड पेन का न करें यूज
शासन के मुताबिक अक्सर स्टूडेंट्स डायग्राम बनाने में, हैडिंग डालने में या फिर लाइनों को खींचने के लिए कॉपियों में रेड पेन का यूज करते हैं। दरअसल, रेड पेन का यूज सिर्फ टीचर ही कर सकते हैं। वहीं, अगर छात्र रेड पेन का उपयोग करते हैं तो उनके माक्र्स काट दिए जाएंगे। इस बाबत डीआईओएस को निर्देश दिए गए है।
हो सकते हैं फेल
डीआईओएस ने बताया कि इस बार साफ निर्देश हैं कि अगर कोई छात्र परीक्षा पुस्तिका में रेड पैन का प्रयोग करता है तो उसके माक्र्स कटेंगे, या फिर उसे फेल तक किया जा सकता है। इस बार कक्ष निरीक्षक परीक्षा से पहले सभी परीक्षार्थियों को निर्देश देंगे।
रुपये रखना भी नुकसान
गौरतलब है कि कई बार अच्छे नंबरों की चाहत में छात्र परीक्षा पुस्तिका के बीच में रुपये रख देते हैं। कॉपियों की चेकिंग के दौरान हर साल ऐसे मामले देखने को मिलते हैं। कई बार तो छात्र 500 तक के नोट परीक्षा पुस्तिका में रख देते हैं। हालांकि, इस बार ऐसे छात्रों पर सख्ती बरती जाएगी। इस बार उत्तर पुस्तिका में नोट मिलने पर छात्र को फेल तक किया जा सकता है। इसके साथ ही उसकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजनी होगी।
शासन के सख्त निर्देश
डीआईओएस गिरजेश कुमार ने बताया कि इसबार बोर्ड एग्जाम को लेकर शासन के सख्त निर्देश जारी हुए है जिसके अनुसार रेड पैन का प्रयोग, नोट रखना, गलत रोल नम्बर लिखना या बार बार कॉपी पर अपना नाम लिखने पर अंक काटे जाएंगे। इसके लिए कक्ष निरीक्षकों को इंस्ट्रक्शन देने के लिए कहा जाएगा।
कांन्वेंट की तर्ज पर होंगे 10 प्राइमरी स्कूल्स
मेरठ। कॉन्वेंट की तर्ज पर मेरठ में भी प्राइमरी स्कूल भी स्मार्ट होंगे। शासन की इस योजना के पहले चरण में 10 स्कूलों के क्लासरूम को स्मार्ट बनाने की तैयारी चल रही है। आगामी शैक्षिक सत्र से बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम में पढऩे का मौका मिलेगा। मेरठ में प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट करने का अभियान जल्द ही शुरू किया जा रहा है। इसको लेकर शासन ने हरी झंडी दे दी है। अब बेसिक शिक्षा विभाग में भी इसको लेकर प्लानिंग की जा रही है। जल्द ही स्कूलों को स्मार्ट करने का कार्य शुरू होगा। बीएसए योगेंद्र ने बताया कि इसको लेकर प्लानिंग चल रही है सरकार के बजट का इंतजार है।
31 लाख का है बजट
गौरतलब है कि मेरठ में प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की योजना है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत फिलहाल पहले चरण में कुल दस स्कूलों के क्लासरूम को स्मार्ट किया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए भेजा है। हालांकि, इसके लिए प्रति स्कूल करीब 31 लाख का बजट पर स्वीकृत हो सकता है ।
ऐसे बनेगा स्मार्ट स्कूल
- स्मार्ट क्लास रूम बनाने के लिए प्रोजेक्टर लगाया जाएगा। इसके जरिए पढ़ाई कराई जाएगी।
- क्लासरूम में बड़ा टेलीविजन भी लगाया जाएगा, इसके जरिए बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाया जाएगा।
- वीडियो के जरिए बच्चों को पढ़ाया और सिखाया जाएगा। इसके लिए टीचर्स की ट्रेनिंग चल रही है।
- क्लास वन से बच्चों को कम्प्यूटर सिखाया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में कम्प्यूटर की व्यवस्था होगी।