केस-1
जागृति विहार निवासी 22 वर्षीय एक युवती की फोटो वायरल करने की धमकी देकर कई लाख रूपये ठग लिए गए। परेशान होकर लड़की ने शिकायत की। जांच में पता चला की उसकी बेस्ट फ्रेंड ने ही अपने ब्वायफ्रेंड के साथ मिलकर सारी प्लाटिंग-प्लानिंग की थी। युवती अमीर घर से थी और विदेश जाने वाली थी। फ्रेंड के पास युवती के कई फोटो भी थे। इसी का फायदा उठाकर उसने ये सारी साजिश रची थी।
केस-2
गंगानगर निवासी एक युवती की फोटो और आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो गई। ब्लैकमेलर ने उससे 20 लाख रूपये की मांग की। लड़की की शिकायत पर जांच हुई। पता चला की आरोपी युवती पीडि़ता के साथ जिम जाती थी। इसलिए वह पीडि़ता के बारे में सब कुछ जानती थी। पूरे प्लान की मास्टर माइंड वही थी।
मेरठ (ब्यूरो)। गहरी दोस्ती में दगाबाजी के ये मामले उदाहरण भर हैं। ऐसे कई मामले साइबर सेल में पहुंच रहे हैं। ब्लैकमेलिंग के इन मामलों में विश्वासपात्र दोस्त ही खलनायक निकल रहे हैं। एक्सपटर्स का कहना है कि पैसों के लालच और एडवांस तकनीक ने युवाओं को गुमराह कर दिया है। ठगी करने वालों को लगता है कि दोस्त सबसे इजी टारगेट होते हैैं और उन्हें ठगने में कोई रिस्क भी नहीं होता। साइबर एक्सपर्ट सुबोध सक्सेना बताते हैं कि डिजिटल दुनिया ने क्राइम के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है। वेब सीरीज देखकर युवा जल्द अमीर होने के लिए शॉर्टकट तरीके अपना रहे हैैं। फिल्मी दुनिया से प्रेरित होकर वह दोस्तों, घरवालों को ठगने का प्लान बनाने तक बनाने से नहीं चूक रहे हैं।
ये है स्थिति
एक्सपर्ट बताते हैं कि कई मामले ऐसे भी हैं, जिनमें बच्चों ने अपने ही माता-पिता को ब्लैकमेल कर पैसे ठगने का प्रयास किया। जांच के बाद ये हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई। एक मामले में बेटे ने इंटरनेट के जरिए अपने ही पिता के एटीएम कार्ड से पैसे निकाल लिए। बढ़ती महत्वकांक्षाएं, अमीर बच्चों की देखा-देखी महंगी चीजें खरीदने, लग्जरी लाइफ जीने की चाहत के चलते ही युवा इस तरह के क्राइम्स को अंजाम दे रहे हैं। उन्हें लगता है इस तरह के क्राइम में पकड़े जाना बहुत मुश्किल होता है। जबकि ऐसा नहीं है।
ऐसे करें बचाव
अपनी फोटो-वीडियो किसी के साथ शेयर न करें।
सोशल मीडिया पर अपनी, परिवार की फोटो और जानकारी अपलोड करने से बचें।
जरूरत से अधिक किसी पर भरोसा न करें।
यदि किसी दोस्त की गतिविधियां संदिग्ध लगे तो उस पर नजर रखें।
यदि कोई ब्लैकमेल करे या ठगी का प्रयास करे तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस में करें।
इनका है कहना
युवाओं का जागरूक होना बहुत जरूरी है। सभी को अपनी निजता का पूरा ध्यान होना चाहिए। शुरू से ही ऐसी शिक्षा दी जाए, जिससे जागरूकता बनी रहे।
कंवलजीत सिंह, प्रिंसिपल
बच्चों को एजुकेट करना बहुत जरूरी है। घर और स्कूल में मोरल वैल्यूज को बढ़ावा मिलना चाहिए। इस तरह के क्राइम को तभी रोका जा सकता है।
वीनू अग्रवाल, प्रिंसिपल
दोस्ती में इस तरह की दगाबाजी काफी चिंताजनक है। आज के समय में पैसे के आगे नैतिकता खत्म हो रही है। लोगों को दोस्ती के महत्व को समझना होगा।
अनीता राणा, फाउंडर, जनहित फाउंडेशन