- माधवपुरम प्रकरण के बाद चौकन्नी हुई पुलिस
- आबकारी विभाग को भी जारी किए एसएसपी ने निर्देश
आई एक्सक्लूसिव
मेरठ: हाईवे से शराब ठेकों के हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फरमान के बाद ठेका संचालकों ने अब रिहायशी इलाकों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। मेरठ में 99 शराब की दुकानों ने आबकारी विभाग में शिफ्टिंग के लिए परमीशन मांगी है तो ज्यादातर को उनकी मनमर्जी की साइट पर शिफ्ट करने के आदेश भी आबकारी विभाग ने दे दिए हैं। पुलिस को विश्वास में लिए बिना खोली गई नई शराब की दुकानें माधवपुरम जैसी घटनाओं को जन्म दे रही हैं। सीओ की सिफारिश पर एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस की एनओसी के बिना नए स्थल को स्वीकृति नहीं मिलेगी।
नहीं ली थी एनओसी
मेरठ की 396 शराब की दुकानों में से 99 दुकानों ने हाइवे एवं सड़कों के किनारों से शिफ्टिंग के लिए आबकारी विभाग में आवेदन किया है। सीओ ब्रह्मापुरी धर्मेद्र चौहान ने एसएसपी जे। रविंद्र गौड़ से शिकायत की कि बिना पुलिस की जानकारी में लाकर शराब की दुकानें रिहायशी इलाकों में शिफ्ट हो रही हैं। पब्लिक का विरोध भी है तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति भी बनी हुई है। एसएसपी ने शनिवार देर रात्रि दौरा कर स्थिति का जायजा लिया तो वहीं आबकारी विभाग को निर्देश दिए के वे बिना पुलिस की स्वीकृति के नवीन स्थल का चयन करें। बता दें हाइवे और सड़क किनारे पर स्थित शराब के ठेकों को सड़क से 500 मीटर हटने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ठेका संचालकों में खलबली है तो वहीं फरमान लागू होने के पहले दिन शनिवार को शिफ्ट न होने पर कुछ शराब की दुकानें बंद रहीं तो कुछ ने चोरी-छिपे बिक्री की।
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पुलिस से को-आर्डीनेशन करके ही अब शराब की दुकानों को नवीन स्थल पर शिफ्टिंग के आदेश दिए जा रहे हैं। दुकानों को ऐसे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा जहां रिहायश न हो।
प्रदीप दुबे, जिला आबकारी अधिकारी
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पुलिस की एनओसी के बाद ही कोई ठेका शिफ्ट हो सकेगा। आबकारी विभाग को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं। लॉ एंड आर्डर प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
जे। रविंद्र गौड़, एसएसपी, मेरठ