मेरठ (ब्यूरो)। नगर निगम शहर की साफ-सफाई को लेकर सख्त है। यही नहीं, बल्क में कूड़ा जेनरेट करने वाले प्रतिष्ठानों पर लगाम कसनी शुरू कर दी है। यानि जो बैंक्वेट हॉल या विवाह मंडप अपने यहां उत्सर्जित होने वाले कूड़े का निस्तारित नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें पेनॉल्टी देनी पड़ेगी। यही नहीं, उन्हें सीज तक किया जा सकता है।
113 को जारी हुआ नोटिस
गौरतलब है कि सिटी के बैंक्वेट हाल, विवाह मंडल, कामर्शियल संस्थानों और फैक्ट्रियों आदि से निकलने वाले कूड़े को अब नगर निगम नहीं उठाएगा। बल्कि फैक्ट्री संचालकों और कामर्शियल संस्थान को खुद हर हाल में कूड़े का निस्तारण करना होगा। शासन के निर्देश पर नगर निगम ने इस बाबत कार्य तेज कर दिया है। लगातार विवाह मंडपों को पत्र जारी कर कूड़ा निस्तारण अपने स्तर पर करने का आदेश दिया जा रहा है। लेकिन अब आदेश ना मानने वाले करीब 113 बैंक्वेट हॉल, होटल व विवाह मंडपों नोटिस जारी किया गया है। यानि की इन 113 मंडपों पर जल्द नगर निगम कार्रवाई कर सकता है। अब अगले माह शादियों का साया है ऐसे में बैक्वेट हॉल पर कार्रवाई से शादियों में खलल पड़ सकता है।
यह है नियम
गौरतलब है कि नगर निगम के अनुसार 100 किलो या इससे ज्यादा कूड़ा रोजाना पैदा करने वाले कामर्शियल संस्थानों, फैक्ट्रियों व कारखानों का कूड़ा खुद संचालकों को निस्तारित करना होता है। नगर निगम सिर्फ आवासीय कूड़े को उठाकर निस्तारित करता है। इसके लिए दो साल पहले नगर निगम ने कामर्शियल और आवासीय इलाकों से निकलने वाले कूड़े की विस्तृत जानकारी एकत्र कर होटल, फैक्ट्री, विवाह मंडप आदि को कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था स्वंय करने का आदेश दिया था। लेकिन दो साल बाद भी 80 प्रतिशत बैंक्वेट हॉल कूड़ा निस्तारण नही कर रहे हैं।
नही लगी मिनी कंपोस्ट यूनिट
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक 100 किलो से ज्यादा कूड़ा उत्सर्जित करने वाले विवाह मंडपों, कामर्शियल संस्थानों, फैक्ट्रियों और कारखानों आदि को अपने कूड़े का स्वयं निस्तारण करने का नियम है। इसके लिए उन्हें मिनी कंपोस्ट यूनिट लगानी होती है। ताकि निकलने वाले कूड़े का निस्तारण उन्हीं के स्तर पर हो जाए और शहर में कूड़े का ढ़ेर कम हो सके और कंपोस्ट की जरूरत भी पूरी हो सकेगी। दो साल पहले सर्वे होने के बाद नगर निगम ने ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजकर मिनी कंपोस्ट यूनिट लगाने का आदेश दिया था लेकिन अभी तक ये सभी कामर्शियल संस्थान, बारात घर, होटल अपने कूड़े को आसपास के नालों या ढलावघर पर फेंक रहे हैं।
रोजाना निकलता है 800 टन कूड़ा
शहर से रोजाना करीब 800 टन कूड़ा निकलता है। इसे नगर निगम निस्तारित करता है। इस कूड़े में करीब 50 फीसदी हिस्सा बैंक्वेट हॉल, विवाह मंडप, होटल, कामर्शियल संस्थानों, कारखानों और फैक्ट्रियों आदि का होता है। शहर में कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं बनने से कई जगह कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए हैं। लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है।
मिनी कंपोस्ट यूनिट लगाना हर बैंक्वेट हॉल, विवाह मंडप और होटलों के अनिवार्य है। अब शादियों का सीजन शुरु हो चुका है अधिकतर बैंक्वेट हाल से भारी मात्रा में कूड़ा जेनरेट होगा उसका निस्तारण नही हुआ तो निगम स्तर पर बैंक्वेट हॉल, विवाह मंडप पर कार्रवाई होगी।
- हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी