मेरठ (ब्यूरो)। आचार संहिता खत्म होते ही एमडीए का बुलडोजर अवैध निर्माणों पर गर्जना शुरू हो गया है। एमडीए और आवास विकास ने अवैध निर्माणों की सूची के आधार पर पुरानी फाइलें निकाल कर कार्यवाही शुरू कर दी है। लेकिन, ऐसे में भी एमडीए और आवास विकास द्वारा कार्यवाही एक तरफा न होकर केवल कुछ तक ही सीमित है। जबकि अवैध निर्माणों की सूची में सैकड़ों ऐसी कॉलोनियां और निर्माण शामिल हैं। जिनकी लगातार सोशल मीडिया में शिकायतें की जा रही हैैं। लेकिन, एमडीए का ध्यान इस तरफ जा ही नहीं रहा है।
याकूब प्रकरण भूला एमडीए
गढ़ रोड स्थित पंचगांव पट्टी में तैयार की जा चुकी एक कॉलोनी के मामले में खुद एमडीए के आलाधिकारी ही फंसे हुए हैं। इस कॉलोनी के नक्शे से लेकर निर्माण तक की अनुमति नहीं है। जब इस मामले में एक जागरूक नागरिक अरुण तोमर ने आईजीआरएस पोर्टल पर 40013821020215 नंबर से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर जांच की मांग की तो एमडीए के अधिकारियों ने खेल करते हुए जोनल अधिकारी याकूब कुरैशी के नाम से पोर्टल पर फर्जी खानापूर्ति कर दी। जबकि इस नाम का कोई अधिकारी एमडीए में था ही नहीं। तब आलाधिकारियों ने इस प्रकरण में जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन, आज दो माह बाद भी कॉलोनी का विकास जारी है।
कमालपुर में भी अनदेखी
गढ़ रोड स्थित कमालपुर में एक अवैध कॉलोनी के मामले में सोशल मीडिया पर लगातार शिकायतें चल रही हैं। दरअसल, जागरूक नागरिक कुलदीप शर्मा ने ट्विटर के माध्यम से गढ़ रोड स्थित कमालपुर में मेन रोड पर मदरसे के बराबर में तेजी से जारी कॉलोनी के संबंध में शिकायत की है। इस कॉलोनी के मामले में एमडीए के जोन डी के जोनल प्रभारी तक पर मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि कॉलोनी निर्माण के लिए नक्शे से लेकर प्लॉटिंग तक की अनुमति नहीं ली गई है। इसके बाद भी एमडीए इस निर्माण को रोक तक नहीं रहा है।
हरी झंडी का इंतजार
ऐसा ही एक मामला आवास विकास की योजना संख्या 6 के जागृति विहार में पिछले दो साल से हरी झंडी के इंतजार में अटका हुआ है। योजना के सेक्टर 4 में भूखंड आवासीय होने के बाद भी इस पर दो कॉमर्शियल शोरूम का निर्माण किया जा चुका है। जबकि तीसरे का निर्माण दो माह पहले शुरू हुआ तो जागरूक नागरिक अर्चित चौहान के द्वारा ऑनलाइन शिकायत होने के बाद निर्माण रुकवा दिया गया था। लेकिन, अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्यवाही दो माह बाद भी अधर में है।
वर्जन
अवैध निर्माणों की सूची एमडीए को सौंपी जा चुकी है। ध्वस्तीकरण की पावर एमडीए के पास है। हम अपने स्तर पर लगातार नोटिस जारी कर कार्यवाही कर रहे हैं। सभी अवैध निर्माणों पर कार्यवाही होगी।
-राजीव कुमार, एसई आवास विकास