मेरठ (ब्यूरो)। शहर में ग्राउंड वाटर लेवल को सुधारने के लिए अब सार्थक कदम उठाने की जरूरत है। नियमों के बावजूद अगर लोग खुद जागरूक होकर सामने आएं तो हालात बदल सकते हैं। वाटर क्राइसिस से निपटने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की मुहिम को संजीदगी से अपनाना होगा। शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की स्थिति को टटोलने के लिए बारिश का पानी बचाओ तो यारो कैंपेन शुरू किया। इसमें सरकारी बिल्ंिडग, कॉमर्शियल और रेजीडेंस बिल्डिंग में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के हालातों को जांचा।

सोशल मीडिया पर रखी राय
शहर में बारिश के जल को सहेजने के लिए गंभीरता से प्रयास करने होंगे। शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की क्या स्थिति है। इसके लिए 200 लोगों के बीच सोशल मीडिया पर सर्वे किया गया। शहरवासियों ने ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप पर आयोजित सर्वे में पार्टिसिपेट किया।

बारिश का जल बचाएं
बारिश का पानी नालियों में बर्बाद न हो, इसके लिए संजीदगी जरूरी है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के टेक्निकल एक्सपर्ट गिरीश शुक्ला ने बताया कि अगर छत 100 वर्ग मीटर की है। और सालभर में 1000 मिलीमीटर वर्षा होती है। तो आप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से सालभर में करीब 1 लाख लीटर पानी बचा सकते हैं। जो 4 लोगों के परिवार के लिए पूरे वर्ष के पानी के व्यय के बराबर होगा।

शहर में 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
हालत यह है कि शहर में एसटीपी होने के बावजूद भी सीवर के पानी का ट्रीटमेंट नहीं हो सका है। ऐसे में सीवर का पानी नालों में बह रहा है। इस पानी से वाटर लेवल को रिचार्ज करने की कोई व्यवस्था नहीं है। हालत यह है कि भूमिगत जल स्तर में सुधार होने की संभावना भी कम हो रही है। हालांकि, नगर निगम ने इस बार मेरठ को वाटर प्लस श्रेणी के मानकों को पूरा करने की कार्य योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इसमें शोधित जल को एकत्र करने के लिए एसटीपी के नजदीक एक बड़ा टैंक बनाया जाएगा। यह योजना समय से पूरी हो गई तो 2024 में मेरठ इस श्रेणी के लिए दावेदारी करने वाला पहला शहर होगा।

क्या शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं ?
नहीं- 75 फीसदी
हां- 15 फीसदी
पता नहीं- 10 फीसदी

क्या बरसात के पानी को सहेजने के लिए हर घर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य करना चाहिए?
हां- 80 फीसदी
नहीं- 15 फीसदी
पता नहीं- 5 फीसदी

क्या रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने को लेकर और सख्त नियम बनाने चाहिए ?
हां- 82 फीसदी
नहीं- 11 फीसदी
पता नहीं- 7 फीसदी