नगर निगम के डिपो में कबाड़ वाहनों समेत डस्टबिन, हैंड पंप, पाइप, फर्नीचर, ठेला गाडि़यां की भरमार,
कई सालों से नहीं हुई स्क्रैप की नीलामी, डिपों के बाहर भी लगा स्क्रैप का ढेर
Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण की कवायद शुरू हो चुकी है और नगर निगम शहर को पूरी तरह चमकाने की कवायद में जुट गया है। हालांकि ऐसे में खुद नगर निगम के डिपो में भरा हुआ कबाड़ वाहनों समेत अन्य स्क्रैप निगम की परेशानी का सबब बन सकता है।
स्क्रैप का लगा ढेर
शहरभर में नगर निगम के पांचों डिपो में हर साल कबाड़ हो चुके वाहन, डस्टबिन, हैंड पंप, पाइप, फर्नीचर, ठेला गाडि़यां आदि भारी मात्रा में इकट्ठा हो जाती हैं। हालत यह है कि यह कबाड़ इस कदर बढ़ चुका है कि अब डिपो में जगह नहीं बची है। जिसके चलते अब अधिकतर कबाड़ वाहन डिपो के बाहर तक खडे़ कर दिए गए हैं। इसमें सूरजकुंड डिपो, कंकरखेड़ा और दिल्ली रोड डिपो की हालत अधिक खराब है। दिल्ली रोड पर तो मेवला फ्लाईओवर के नीचे स्क्रैप का ढेर लगा हुआ है।
हर माह चोरी हो रहा स्क्रैप
निगम के पार्षदों की मानें तो हर माह निगम के डिपो में से भारी मात्रा में स्क्रैप चोरी कर बेचा जा रहा है। इसमें खुद डिपो के प्रभारियों समेत निगम के आला अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है। ऐसे में निगम की बोर्ड बैठक में भी लगातार इस स्क्रैप को नीलाम करने का दवाब बनाया जा रहा है। अब स्वच्छता सर्वेक्षण आने के बाद निगम स्क्रैप पर मंथन करने लगा है।
होगा आंकलन बनेगी रिपोर्ट
दरअसल, कबाड़ में खडे़ 10 साल पुराने वाहनों की नीलामी अब तक नहीं की गई हैं। इतना ही नहीं हर साल पुराने वाहन भी कबाड़ में खड़े कर दिए जाते हैं। इसी कारण गत माह हुई बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि नीलामी योग्य वाहनों और अन्य वस्तुओं का आंकलन करके मूल्य तय किया जाएगा। इसके लिए एक समिति बनेगी, जिसमें दो पार्षद शामिल होंगे और पूरे स्क्रैप का आंकलन टीम के सामने होगा।
गत बोर्ड बैठक में कमेटी बनाकर स्क्रैप का मूल्यांकन करने पर निर्णय लिया गया था लेकिन अभी तक कमेटी का निर्धारण नहीं हुआ है। जल्द स्क्रैप पर पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी