मेरठ, (ब्यूरो)। घरों के मंदिरों में हर साल दीपावली व अन्य अवसरों पर निकलने वाली खंडित मूर्तियों को लोग मंदिर के बाहर या पेड़ के नीचे रख जाते हैं। इस प्रकार की मूर्तियों को कूड़े के ढेर के साथ उठाकर डंपिंग ग्राउंड में डंप कर दिया जाता है। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर पर ऐसी मूर्तियां दिख जाती हैं। इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं प्रभावित न हों, इसके लिए निगम सार्वजनिक स्थल, मंदिर परिसर व पार्कों में विसर्जन पात्र लगाकर खंडित मूर्तियों को एकत्र करेगा।
मिट्टी का होगा उपयोग
इन मूर्तियों को एकत्र कर हर माह निगम मूर्तियों का विसर्जन कर उन्हें पानी में गला देगा। मूर्तियों के गलने के बाद बची मिट्टी को निगम अपने पार्क, पौधारोपण आदि में प्रयोग करेगा। इससे मूर्तियों का कचरे के ढेर से अलग कर उपयोग किया जा सकेगा।
मूर्ति एकत्र करने के लिए शहर में जगह-जगह पात्र लगाए जाएंगे। इससे मूर्तियों का अपमान नहीं होगा और सही से निस्तारण हो सकेगा।
- रवि शेखर, खाद्य एवं सफाई निरीक्षक