-सांसद राजेंद्र अग्रवाल बोले, मेरठ के हवाई अड्डे की अटकी फाइल बढ़ेगी आगे
-कृषि राज्यमंत्री ने कहा, हवाई अड्डा केवल मेरठ नहीं, वेस्ट यूपी के लिए अहम
Meerut : नागर विमानन मंत्रालय द्वारा मेरठ के प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए हरी झंडी दिखाने और बजटरी सपोर्ट पर अब तक कोई ठोस फैसला न लेने के मामले में भाजपा के क्षेत्रीय सांसद जल्द ही नागर विमानन मंत्री से मिलकर आवश्यक दिशा-निर्देश और धन जारी करने की मांग करेंगे। स्थानीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मानसून सत्र में वे नागर विमानन मंत्री गजपति राजू से मिलेंगे और मेरठ का पूरा पक्ष रखकर उनके यहां अटकी फाइल को आगे बढ़ाने की मांग करेंगे।
भूमि सौंप देनी चाहिए
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और मेरठ शहर से विधायक डॉ। लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी मेरठ के लिए अपना पूरा जोर लगाने की बात कर रहे हैं, हालांकि यह काम कब होगा इसकी कोई कार्ययोजना उन्होंने तय नहीं की है। उन्होंने बताया कि कि अब जब एएआई ने प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन सचिव को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट कर दी है, ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को आवश्यक 396 एकड़ भूमि एएआई को सौंप देनी चाहिए। ऐसा करने से पूरा दबाव एएआई और केंद्र सरकार पर पड़ेगा। हालांकि इन सबसे इतर एयरपोर्ट की वस्तुस्थिति रिपोर्ट लेकर मैं जल्द ही विमानन मंत्री से मिलूंगा और मेरठ की आवश्यकताओं से उन्हें अवगत कराकर काम सुनिश्चित कराउंगा।
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देरी दुर्भाग्यपूर्ण
कृषि राज्य मंत्री और मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान ने कहा कि प्रदेश सरकार से समझौते के बाद एयरपोर्ट तैयार होने में हो रही देरी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेरठ का हवाई अड्डा केवल मेरठ नहीं बल्कि यह गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर और सहारनपुर तक को लाभांवित करेगा। वे जल्द ही मंत्रीजी से मिलकर मेरठ के हवाई अड्डे के फंसे पेच को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
काम करने की मंजूरी दी जाए
बता दें कि प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव की अगुवाई में 10 अप्रैल को हुई बैठक में एएआई के अध्यक्ष ने कहा था कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय का निर्देश है कि जिस विकास की परियोजनाओं का आईआरआर (इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न) 12 फीसदी से कम है, उसे शुरू न किया जाए। हालांकि एएआई ने अपने मंत्रालय को एक पत्र यह भी भेजा है और मांग की है कि मेरठ को इस नीति से अपवाद रखते हुए क्षेत्र की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर काम करने की मंजूरी दी जाए। इसकी जानकारी एएआई के चेयरमैन ने प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन सचिव को भी दी है, ताकि वे एयरपोर्ट की खातिर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को शिथिल न पड़ने दें।
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हवाई पट्टी को दुरुस्त करने को प्रशासन ने लिखा पत्र
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को जिला प्रशासन की ओर से डीएम ने पत्र लिखकर परतापुर की हवाई पट्टी को दुरुस्त करने को कहा है ताकि प्रदेश के जो वीआईपी हैं, उनके विमानों की सुरक्षित लैंडिंग मेरठ में कराई जा सके। डीएम पंकज यादव ने कहा कि जब से एएआई ने हवाई पट्टी अपने कब्जे में ली है, तब से उसकी री-कारपेटिंग नहंी कराई है जिससे मौजूदा पट्टी पर विमान का उतारना सुरक्षा दृष्टि से उचित नहीं है। समझौते के तहत हवाई पट्टी की मेंटेनेंस, पट्टी का निर्माण आदि एएआई को करना है। एएआई ने मालिकाना हक लेकर चुप्पी साध ली है और पट्टी दुरुस्त न होने की वजह से प्रदेश के वीआइपी को मार्ग बदलना पड़ता है, जो कि अनुचित है। बता दें कि पट्टी दुरुस्त न होने की वजह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मार्च में आगमन और 15 जुलाई को राज्यपाल का आगमन टालना पड़ा है।