मेरठ (ब्यूरो)। मेडिकल कॉलेज ने अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा की दिशा में एक कदम और बढ़ाया है। सोमवार को ब्रेन हैमरेज ग्रस्त प्रसूता का सफल ऑपरेशन किया गया। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडेय ने बताया कि हस्तिनापुर निवासी स्वाति की सितंबर 2022 में दिमाग की नस फट गई थी। इससे उनको ब्रेन ब्रेन हेमरेज हो गया था। स्वाति तीन माह की प्रेग्नेंट भी थी।
मेडिकल में भर्ती कराया गया
वी डी पांडेय ने बताया कि बीती 11 मार्च को स्वाती को प्रसव पीड़ा हुई थी। इसके बाद उसे स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ। कोमल रस्तोगी एवं डॉ रचना चौधरी के तहत ट्रीटमेंट कराया गया। इमरजेंसी विभाग में डॉक्टर अमनजोत सिंह न्यूरो सर्जन तथा डॉक्टर बंदना धामा स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के अंडर में स्वाति का ट्रीटमेंट कराया गया।
नस का गुब्बारा फूला
इस दौरान एमआरआई की जांच से पता चला कि उनकी दिमाग की एक नस का गुब्बारा फूल गया था जिस कारण वह फट गई और ब्रेन हेमरेज हो गया है।
क्रेनियेक्टोमी से ब्रेन किया सुरक्षित
डॉ। अमनजोत ने दिमाग की सर्जरी क्रेनियेक्टोमी की सलाह दी। इससे जमा खून निकालकर ब्रेन को बचाया जा सके। न्यूरो सर्जरी की टीम के सामने चुनौती यह थी की गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बचाना था। ब्रेन के ऑपरेशन के दौरान मरीज और गंभीर हो सकता था जिससे मां और बच्चे दोनों के जान का खतरा था। परंतु डॉक्टर अमनजोत एवं उनकी टीम ने सूझ-बूझ के साथ सफल ऑपरेशन किया। इसके बाद स्वाति स्वस्थ हो गई और उनकी छुट्टी कर दी गई।
स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया
डॉ। रस्तोगी ने बताया कि हमारे सामने चुनौती यह थी कि ऑपरेशन के दौरान मरीज को झटके आ सकते थे, मरीज कोमा में जा सकती थी एवं गंभीर रूप से बीमार हो सकती थी। डॉ। कोमल रस्तोगी, डॉ। रचना चौधरी सर्जन, एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर सुभाष दहिया, डॉ। सुधीर धामा एवं उनकी टीम ने ऑपरेशन द्वारा प्रसव करा एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया तथा मरीज की जान बचाई। जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं और उनकी छुट्टी कर दी गई है।