मेरठ जिले में शहर से लेकर देहात तक हत्या की वारदात को अंजाम दे रहे बदमाश
सोमवार को सरधना में हुए साकिब हत्याकांड का पुलिस ने प्रेसवार्ता कर किया खुलासा
पार्षद समेत इंचौली में हुई मनोज चौधरी और किठौर में दो बच्चों की हत्या में पुलिस खाली हाथ
Meerut। शहर से लेकर देहात तक ताबड़तोड़ बदमाश हत्या की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। मेरठ में पिछले पांच दिनों छह हत्याएं हो चुकी है। जिसमें केवल सरधान में हुई हत्या की वारदात ही खुलासा मेरठ पुलिस कर सकी है। जबकि पांच वारदातें पुलिस अभी तक नहीं खोल सकी है। नगर निगम के पार्षद जुबैर हत्याकांड का मामला हो या फिर इंचौली में मनोज चौधरी की हत्या, दोनों ही घटनाक्रम में पुलिस खाली हाथ है। इतना ही नहीं, किठौर में हुई दो बच्चों की हत्या के मामले में भी पुलिस खाली हाथ है। मंगलवार को बदमाशों ने जानी-खुर्द के बाफर गांव में एक और हत्या की वारदात को अंजाम दे डाला। खाकी का डर बदमाशों के दिल से खत्म हो रहा है जो, लोगों की सुरक्षा के साथ ही पुलिस के इस्तकबाल पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।
केस 1
27 अगस्त को सरधना में साकिब की छुरियां मारकर की गई हत्या कर दी गई थी, इस मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा अज्ञात में दर्ज किया था। सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए पुलिस ने खुलासा कर दिया था। मृतक साकिब के के संबंध बिलाल उर्फ भोला की पत्नी तबस्सुम के साथ हो गए थे। कुछ दिन पहले तालिब ने साकिब को तबस्सुम के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इस बात की जानकारी तालिब ने अगले दिन अपने भाई बिलाल उर्फ भोला को दी। जिसके बाद बिलाल उर्फ भोला, तालिब और अजीम ने मिलकर साकिब को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने गिरफ्तार कर तीनों को जेल भेज दिया था।
केस 2
29 अगस्त को नगर निगम के पार्षद जुबैर की एल। ब्लॉक शास्त्रीनगर में घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। मगर तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। पुलिस संपत्ति के विवाद में हत्या का कारण तलाश कर रही है लेकिन इस बाबत भी पुलिस को कोई क्लू हाथ नहीं लगा है। जिनका नाम परिजनों ने तहरीर में लिखकर दिया है, उनमें से भी ज्यादातर आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। हालांकि पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा कर घटना के खुलासे का आश्वासन परिजनों को दे रही है।
केस 3
29 अगस्त को इंचौली के चिंदौड़ी गांव में सिपाही के पिता और बसपा नेता मनोज चौधरी की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस खाली हाथ बैठी है। तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पुलिस सर्विलांस और मुखबिर तंत्र का सहारा ले रही है। एसपी देहात केशव कुमार पूरे घटनाक्रम की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
केस 4
30 अगस्त किठौर के फतेहपुर नारायणपुर गांव के जंगल में दो बच्चों की हत्या कर शव को फेंक दिया गया था। इस मामले में दोनो बच्चों की पहचान शाहजहांपुर निवासी अमन और सादिक के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद पुलिस इस हत्याकांड में शामिल कातिलों को चिन्हित तक नहीं कर सकी है। पुलिस के लिए यह घटना बड़ी चुनौती बन गई है।
जुबैर हत्याकांड में एसपी सिटी और एसपी क्राइम को जिम्मेदारी दी गई है कि वह तथ्यों पर जांच-पड़ताल कर सख्त कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ करें। इंचौली और किठौर में दो बच्चों के शव मिलने के मामले में एसपी देहात खुद घटनाक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे है। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा। जानी में हुए मर्डर की जांच गंभीरता से कराई जा रही है।
प्रभाकर चौधरी, एसएसपी, मेरठ