मेरठ ब्यूरो। खाद्य विभाग ने अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक 602 सैंपल भरे थे। इनमें करीब 217 सैंपल फेल पाए गए। यानि 32 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। वहीं, एक दिक्कत यह भी हे कि खाद्य विभाग की सैंपलिंग से लेकर रिजल्ट तक की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि तीन तीन साल बाद सैंपलिंग की रिपोर्ट आती है
केमिकल रंगों से बनी मिठाई
फेस्टिव सीजन में मिलावटी मिठाइयों की जमकर बिक्री होती है। खाद्य विभाग की पिछले साल की रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में बिकने वाले बर्फी, रसगुल्ले, बेसन के लड्डू, छेना आदि में मिलावट पाई गई है। उनमें प्रतिबंधित कलर, एल्यूमिनियम वर्क और कार्बोसाइन समेत कई रसायन पाए गए हैं। एफएसडीए की जांच में इस वर्ष खोए और उससे बनी मिठाईयों के 37 नमूनों की रिपोर्ट फेल मिली है।
- 602 सैंपल लिए गए अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक
- 12 नमूने दूध के हुए फेल, 29 पर केस दर्ज
- 217 सैंपल अधोमानक मिले रिपोर्ट के आधार पर
- 69 अनसेफ सैंपल की संख्या है रिपोर्ट के मुताबिक
- 107 प्रोडक्ट में गलत जानकारी प्रिंट की गई
- 37 सैंपल अनसेफ मिले दूध, मावा से तैयार मिठाइयों के
- 292 केस मिलावट के मामले के दर्ज किए गए
- 1 करोड़ 26 लाख 75 हजार का जुर्माना लगाया गया
- 10,42,5000 करोड़ रुपए का जुर्माना हुआ है कि बीते 10 साल में
इनके सैंपल मिले अधोमानक-
- प्रोडक्ट- नमूने - फेल
मसाले - 50- 24
सरसों का तेल- 46 - 20
रिफाइंड - 21 - 13
नमकीन - 23 - 19
मिठाई - 25- 05
वनस्पति ऑल - 7 - 5
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इस प्रकार की हो रही मिलावट-
- दूध में डिटर्जेंट, झाग बनाने वाले तेल की मिलावट
- मिठाई में प्रतिबंधित कलर, एल्यूमिनियम वर्क और कार्बोसाइन की मिलावट
- मिठाई बनाने वाले कलर के लिए कोर्बोसाइन, सनलेट, येलो कलर की मिलावट
- घी और पनीर के सैंपल में सिंथेटिक की मिलावट
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तीन साल बाद हुआ जुर्माना
पिछले एक साल में मिलावटखोरों पर विभाग ने 1,2675000 करोड़ के करीब का जुर्माना लगाया है। वहीं तीन साल पहले लिए गए सैंपल की रिपोर्ट फेल होने पर दर्ज मुकदमें का फैसला फरवरी माह में आने के बाद कई प्रमुख प्रतिष्ठानों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है।
इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माना
- मनीष डेयरी, सिविल लाइन- 9.85 लाख
- शोभित सॉस, कमालपुर- 7.20 लाख
- सत्यम फूड, धीरखेड़ा, 4.50 लाख
- रामनाथ लडडू, सदर, - 20 हजार
- पंजाब स्वीटस, गोल मार्केट- 20 हजार
कोर्ट ने सुनाया फैसला
एफएसडीए पिछले एक वर्ष की सैंपलिंग में दूध, घी, पनीर, दही आदि के नमूने फेल पाए गए। इनके आधार पर ही गत वर्ष कोर्ट में 75 मिलावट के वाद दायर किए गए जिनमें से 29 पर कोर्ट ने जुर्माना और सजा का फैसला सुनाया है। दूध, घी, पनीर में मिलावट करने पर एक करोड़ 26 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एफएसडीए विभाग की मानें तो दूध, पनीर और घी के करीब 200 से अधिक सैंपल्स की रिपोर्ट अधर में है।
लगातार अभियान चलाकर सैंपलिंग की जा रही है। कोशिश रहती है कि मिलावटी प्रोडक्ट बाजार में बिक न पाएं, लेकिन जांच लैब पर लोड अधिक होने के कारण रिपोर्ट देरी से आती है।
- दीपक सिंह, अभिहीत अधिकारी खाद्य एफएसडीए