मेरठ (ब्यूरो)। स्कूली वाहनों में बच्चों का सफर सुरक्षित रहे इसके लिए परिवहन विभाग हर साल प्रयास करता है लेकिन किसी न किसी वजह से उनका प्रयास विफल हो जाता है। मगर इस बार नए सेशन के साथ ही विभाग ने सभी स्कूली वाहनों रडार पर लेते हुए उन्हें सुरक्षा मानकों पर कसने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए स्कूली वाहनों में पैनिक बटन और सीसीटीवी को अनिवार्य कर दिया गया है। फिटनेस के दौरान इन्हें चेक भी किया जाएगा। वहीं, 600 से अधिक स्कूलों उनके वाहनों की फिटनेस कराने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है। इतना ही नहीं, किसी भी नए स्कूली वाहन का पंजीकरण बिना पैनिक बटन या सीसीटीवी के नहीं होगा।

बच्चों का सफर असुरक्षित
स्कूल की छुट्टी होते ही रोजाना शहर की सड़कों पर स्कूली वाहनों की भरमार दिखाई देती है। जिनमें ठसाठस भरे बच्चे और आगे लटके उनके स्कूल बैग सभी मानकों को तार-तार करते नजर आ जाते हैं। इससे बच्चों का सफर असुरक्षित हो जाता है। ऐसे में स्कूली वाहनों में लगे सीसीटीवी कैमरों से बसों की स्थिति पर निगरानी रखना संभव हो पाएगा। यह रिकार्ड स्कूल के साथ-साथ जरूरत पडऩे पर परिवहन विभाग को भी उपलब्ध हो जाएगा। वहीं पैनिक बटन किसी भी असहज स्थिति में प्रयोग किया जा सकेगा।

मानकों की होगी जांच
परिवहन विभाग की तरफ स्कूलों को वाहनों की फिटनेस के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके लिए 8 जुलाई को साकेत आईटीआई में कैंप लगाकर स्कूली वाहनों को फिटनेस जांच कराने का मौका दिया गया है। कैंप में करीब 600 से अधिक स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच होगी। इसमें स्कूली वाहनों में पैनिक बटन व सीसीटीवी के साथ अन्य मानकों की जांच की जाएगी। जो वाहन मानक पूरे नहीं करेंगे, उनका पंजीकरण रद कर दिया जाएगा।

यह हैं स्कूली वाहनों के लिए प्रमुख मानक
निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को लाने व ले जाने के लिए चलने वाले वैन, टेंपो व अन्य छोटे वाहनों को मोटर वाहन की 26वीं संशोधित नियमावली के अनुसार वाहन का रंग पीला होना चाहिए।

वाहन के चारों ओर 18 इंच लंबा व आठ इंच चौड़ा बोर्ड लगा हो, जिस पर विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए।

वाहन के चारों ओर विद्यालय ड्यूटी के लिए प्रयुक्त लिखा हो, उसकी बाडी बंद होनी चाहिए।

फस्र्ट एड बाक्स होना अति आवश्यक है, पांच किलो का अग्निशमन यंत्र, सभी सीटों पर सीट बेल्ट लगी हो।

प्रेशर हार्न की जगह मल्टी टोन हार्न लगाया जाना चाहिए।

वाहन में अलार्म घंटी व सायरन लगा होना आवश्यक है।

वाहन के चलने का क्षेत्र 40 किलोमीटर से अधिक न हो, उसमें स्पीड कंट्रोलर, पैनिक बटन, जीपीएस डिवाइस व सीसी कैमरे लगे हों।

बसों के स्कूल बैग रखने के लिए सीट के नीचे जगह होनी चाहिए।

बस की खिड़की के बाहर रेलिंग लगी होनी चाहिए।

स्कूली वाहनों के मानकों पर सख्ताई जरुरी है। केवल फिटनेस जांच से काम नही चलेगा।
कासिम

सीसीटीवी और पैनिक बटन का मानक नामचार बसों में ही पूरा मिलता है। यह केवल खानापूर्ति तक सीमित है।
प्रशांत

स्कूल टाइम में ऑन द स्पॉट जांच की जाए तो अधिक वाहन अनफिट ही मिलेंगे। लेकिन अधिकारी इसकी जहमत नही उठाते।
शिवम

पैनिक बटन और सीसीटीवी नए वाहनों में तो लगा हुआ आ रहा है लेकिन पुराने वाहनों में नही है। इसके लिए सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है कि अपडेट करा लें और 8 जुलाई को कैंप में अपने वाहन की फिटनेस करा लें।
राहुल शर्मा, आरआई