मेरठ। मेन्सट्रुअल हाइजीन को लेकर मेरठ मंडल का फीमेल यूथ सबसे अधिक जागरूक है। मंडल के छोटे-कस्बों की लड़कियों ने बड़े शहरों को भी इस मामले में पछाड़ दिया है। यहां आधी आबादी कॉटन-कपड़ा नहीं बल्कि एडवांस सेनेट्ररी पैड, टैंपन्स, मेंस्ट्रुअल कप या फेमिनिन कप, पीरियड अंडर लाइनर, विजुअल कप का यूज कर रही हैं। ये खुलासा एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट में हुआ है। इसके मददेनजर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ प्रदेश भर में इस मामले में सबसे आगे हैं।
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14 से 25 साल की लड़कियां हुई सर्वे में शामिल
एनएफएचएस की रिपोर्ट में 14 से 25 वर्ष की लड़कियों को शामिल किया गया। इसमें मेरठ की 88.7 प्रतिशत लड़कियों की आबादी ने माना की वह पीरियड्स के दौरान बरती जाने वाली हाइजीन को लेकर जागरूक है। इसका बड़ा कारण एनसीआर में इन मुद्दों को लेकर लगातार चलने वाले अभियान हैं। देश की राजधानी नजदीक होना भी इसका बड़ा कारण है। स्कूल-कॉलेजों में भी इसे लेकर काफी जागरूकता फैलाई जा रही है। शहर के साथ यहां के गांवों में भी अब पूरी तरह से जागरूकता है।

जिला- हाइजीन मेंटेन करने वाली फीमेल्स की आबादी
गाजियाबाद----91.7 प्रतिशत
गौतमबुद्धनगर---89.6 प्रतिशत
मेरठ--------88.7 प्रतिशत
हापुड़--------88.6 प्रतिशत
बागपत-------87.9 प्रतिशत
बुलंदशहर-----81.4 प्रतिशत
मुज्जफरनगर----78.1 प्रतिशत
सहारनपुर------76 प्रतिशत


इन जिलों की स्थिति
कानपुर----87.6 प्रतिशत
आगरा----76.5 प्रतिशत
लखनऊ---84.8 प्रतिशत
वाराणसी----85.6 प्रतिशत
प्रयागराज----799 प्रतिशत
कानपुर (देहात)---76.2 प्रतिशत
अलीगढ़----79.6 प्रतिशत
बिजनौर-----77 प्रतिशत
बरेली-------719 प्रतिशत
शामली-----74.1 प्रतिशत
मुरादाबाद-----78.5 प्रतिशत
गोरखपुर-------78.3 प्रतिशत
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खतरनाक होता है कपड़ा
-कपड़े से जल्दी ही दुर्गंध पैदा हो जाती है और इससे असुविधाजनक हो सकती है।
- कपड़े गंदे या नम हो जाते हैं। इससे बैक्टीरिया और फंगस पनप जाता है। इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- कपड़े से रगड़ और चकत्ते हो सकते है।इससे जलन और दर्द हो सकता है।
-कपड़े से रक्तस्राव को अधिक समय तक सोखना संभव नहीं होता है। इससे चलने, बैठने या सोने में दिक्कत होती है।
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इसलिए जरूरी है हाइजीन
-सही प्रॉडक्ट का यूज करने से इंफेक्शन और कई बड़े हेल्थ इश्यूज का खतरा बहुत कम रहता है।
- मेंन्सुरेशन के दौरान गंदे कपड़े के प्रयोग से कई बार ओवरी कैंसर, यूरिन इंफेक्शन, इंफर्टीलिटी, सिस्ट आदि का खतरा बढ़ जाता है।
-पीरियड्स के दौरान सही प्रॉडक्ट यूज करने से शारीरिक असुविधा कम करने में मदद मिलती है।
- पीरियड्स के दौरान आराम मिलने पर मूड और इमोशनल और मेंटल हेल्थ ठीक रहता है।
- सेल्फ कांफिडेंस बना रहता है।

ये होते है एडवांस प्रॉडक्ट
सेनेटरी पैड ब्लड को सोखने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
टैम्पन्स रॉड की तरह होते हैं। जो वजाइना में डाले जाते हैं। इन्हें रेग्यूलर बदला जाता है।

फेमिनिन कप सिलिकॉन या रबर से बने होते हैं। इन्हें भी वजाइना में डालकर यूज किया जाता है।

पीरियड अंडरवियर को माहवारी के लिए स्पेशली डिज़ाइन किया जाते है। इन्हें यूज करना कंर्फेटेबल होता है।

विज़ुअल फंडा छोटे डिस्क आकार के होते हैं, जो वजाइना में डाले जाते हैं और ब्लड को इक_ा करते हैं।

ऐसे मैंटेन करें हाइजीन
- हर छह घंटे में पैड चेंज करें।
- पेल्विक एरिया को सुबह-शाम क्लीन करें।
- डेली नहाएं।
-रेस्ट करें, प्रॉपर पानी पिएं।
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इनका है कहना
मेंस्ट्रुअल हाइजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी है। अज्ञानता में यदि स्वच्छता न बरती जाए तो कई तरह की बीमारियां, इंफेक्शन यहां तक की कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
डा। कंचन मलिक, सीनियर गायनी
मेंस्ट्रुअल हाइजीन मेंटल हैल्थ को भी मेंटेन करती है। ऐसे समय में कांफिडेंस बिल्ड करने में स्वच्छता सबसे इंपोर्टेंट रोल निभाती है। इसे लेकर हमारे यहां काफी जागरूकता है।
डा विभा नागर, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट