मेरठ (ब्यूरो). कैंट एरिया में भवनों पर लगे निजी कंपनियों के मोबाइल टावरों से छावनी के सिक्योरिटी सिस्टम से खिलवाड़ हो रहा है। लेकिन, इन टावरों की तरफ कैंट बोर्ड ने ध्यान नहीं दिया। कई बार इन्हें हटाने की आवाज भी उठाई गई। लेकिन, कुछ हुआ नहीं। व्यापारियों ने पत्र लिख इसकी शिकायत की तो रक्षा मंत्रालय ने तुरंत संज्ञान लिया। साथ ही कैंट को ऐसे भवन स्वामियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिनके यहां निजी मोबाइल कंपनियों के टावर लगे हैं। कैंट बोर्ड ऐसे भवनों को चिह्नित करने के लिए औचक निरीक्षक करने की तैयारी में है।
60 हजार तक होगा जुर्माना
रक्षा मंत्रालय द्वारा सभी कैंट छावनी को यह निर्देश दिया गया है कि अगर किसी एरिया में निजी भवन में मोबाइल टावर लगाया गया है तो उस पर 30 से 60 हजार रुपए जुर्माना व नोटिस दिया जाए। साथ ही अब तक वसूला गया किराया भी लौटाना होगा। कैंट अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह औचक निरीक्षण कर ऐसे भवनों को चिह्नित कर कार्रवाई करें।
10 जगहों पर लगे टावर
कैंट एरिया में लालकुर्ती, रजबन, सदर आदि जगहों पर निजी भवनों में करीब 10 अवैध टावर लगे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें कई रसूखदारों के घर भी शामिल हैं। जिनमें करीब पिछले दस सालों से टावर लगे हुए हैं। लेकिन, इनके खिलाफ आजतक कार्रवाई नहीं हो सकी है।
दूर हो कनेक्टिविटी की समस्या
व्यापारियों ने बताया कि उन्होंने रक्षा मंत्रालय को लेटर लिखा है कि अवैध टावर हटाए जाएं, साथ ही कनेक्टिविटी की समस्या को हल किया जाए। बता दें कि तीन साल पहले जब बोर्ड की मीटिंग हुई थी तो तय हुआ था कि 11 जगह पर टावर लगाए जाएंगे। जगह चिह्नित कर छह जगह टावर लगा दिए गए। किसी कारणवश पांच बच गईं। पिछले साल 12 जुलाई को सदस्यता समाप्त होने के बाद यह मामला अटका ही रह गया है।
कैंट में क्यों है प्रतिबंध
मेरठ छावनी के सिक्योरिटी सिस्टम में सेंध लगने की आशंका के चलते इस एरिया में निजी कंपनियों को मोबाइल टावर लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। अगर, कोई कंपनी अपने टावर लगाना चाहती तो उसे कैंट द्वारा चिह्नित कंपनी बीएसएनएल के माध्यम से ही लगवाया जा सकता है। इसके साथ ही जो जगह कैंट ने चिह्नित की हैं। उन्हीं जगहों पर टावर लगाया जा सकता है।
वर्जन
अभी इस संबंध में उनके पास लेटर नहीं पहुंचा है। लेकिन, अवैध टावर लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। पहले इसकी जांच कराई जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड
वर्जन
जो भी अवैध टावर हैं उनको हटाना चाहिए, इसके अलावा चिह्नित 11 जगह में से बची हुई जगहों पर टावर लगाने चाहिए ताकि कनेक्टिविटी पूरी आ सके।
-बीना वाधवा, पूर्व उपाध्यक्ष, कैंट बोर्ड