मेरठ (ब्यूरो)। नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के लिए इस बार फिर से ओडीएफ प्लस-प्लस और गार्बेज फ्री सिटी के लिए फाइव स्टार रेटिंग का दावा करने जा रहा है, लेकिन निगम के दावे में कितना दम है। यह शहर की स्वच्छता व्यवस्था देकर ही पता चल जाता है। शहर में जगह-जगह बिखरा कूड़ा और गंदे नालों का स्थिति देखकर यह कहना गलत नही है कि निगम के दावे में इस बार भी दम नही है। हालांकि, अगले माह स्वच्छता सर्वेक्षण टीम आनी है, ऐसे में हो सकता है कि निगम कुछ खास क्षेत्रों में सफाई दुरुस्त कर इस तमगे को हासिल करने का प्रयास करे।

पिछली साल 108वीं रैंक थी
गौरतलब है कि इस बार भी सर्वेक्षण 9500 अंकों का है। पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में मेरठ नगर निगम ने देश में 108 वी रैंक प्राप्त की थी और नगर निगम को जीएफसी (गार्बेज फ्री सिटी) वन स्टार और ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) प्लस प्लस प्रमाणपत्र मिला था। ऐेसे में इस बार निगम अपनी इस रेटिंग को सुधारने के लिए अधूरे प्रयास में जुट गया है। ऐसे में इस बार निगम की कोशिश है कि वो टॉप फाइव में जगह बना सके। हालांकि शहर से रोजाना उत्पन्न होने वाले 900 मीट्रिक टन कचरे के निस्तारण के लिए अभी तक निगम के पास को ठोस व्यवस्था नही है।

इन आधार पर करेगा दावा
गांवड़ी में एनटीपीसी के कूड़ा निस्तारण प्लांट की स्थापना
मंगतपुरम में दिसंबर से कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए टेंडर जारी
गांवड़ी और सरस्वती लोक में 4 एमआरएफ सेंटरों का संचालन
वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण
भूड़बराल में कचरे से बिजली बनाने की प्रक्रिया
शहर में 11 एमआरएफ सेंटर का संचालन जल्द
अंडर ग्राउंड डस्टबिन की व्यवस्था
कूड़ा विलोपित स्थलों की संख्या

ये हैं मानक
आवासीय व बाजार क्षेत्र की नियमित सफाई
नगर निगम के सभी सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की नियमित सफाई
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और शुल्क वसूली
सड़कों व नालों में कूड़ा गिरने से रोकना और नियमित सफाई
सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाने व कूड़ा डालने वालों पर चालान
निर्माण सामग्री खुले में बिना ढके रखने वालों पर कार्रवाई

गार्बेज फ्री सिटी में कूड़े के पहाड़
पिछले साल भी निगम ने दावा किया कि इस साल शहर को गार्बेज फ्री बनाया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस है। ना कूड़ा निस्तारण हो पा रहा है और ना ही शहर में सफाई दिखाई दे रही है। लोहियानगर और मंगतपुरम में लगे कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई भी लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह है कि पुराने शहर की गलियों से लेकर मलिन बस्तियों में कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था अधूरी है। इसलिए पुराने शहर के अधिकतर इलाकों और मलिन बस्तियों में कूड़े का ढेर अस्थाई खत्तों की संख्या बढृ़ रही है।

ये कमियां बनेेंगी बाधा
शौचालयों पर लगा ताला और जगह-जगह कूड़े का ढेर
निगम क्षेत्र में 146 अस्थायी खत्तों की समस्या
सीवेज निस्तारण और जलभराव की समस्या को दूर करना
लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड होने के बाद भी मेरठ शहर में प्रतिदिन 900 मीट्रिक टन कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण नही
मंगतपुरम, लोहियानगर, मार्शल पिच, नंगलाताशी आदि इलाकों के डंपिंग ग्राउंड पर लीगेसी कूड़ा जमा
300 से अधिक छोटे-बड़े खुले नाले जिनमें कूड़ा, गोबर बहाया जा रहा है

केवल दावा ही है हकीकत तो शहर की सड़कों पर दिख जाती है। कहीं भी कूड़े के ढ़ेर साफ नही होते हैं।
ध्रुव रस्तौगी

मानकों के अनुसार तो दूर यदि नियमित सफाई ही हो जाए तो भी काफी हद तक अपना शहर साफ हो सकता है, इसके लिए निगम को सक्रियता बढ़ानी होगी।
फैसल गाजी

केवल निगम के स्तर पर यह प्रयास काफी नही है लोगों को भी जागरुक होना जरुरी है। निगम को भी जागरुकता के स्तर पर अधिक प्रयास करने चाहिए।
सरबजीत कपूर

गार्बेज फ्री सिटी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जो जो कमियां हैं उनको तेजी से दूर किया जा रहा है। रोजाना कूड़ा फैलाने व जलाने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है।
डॉ। हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी