मेरठ (ब्यूरो)। मेरठ में भाई दूज पर वायु गुणवत्ता का स्तर पिछले साल के मुकाबले इस साल पांच गुना अधिक खराब दर्ज किया गया। पिछले साल भाई दूज पर बरसात होने के कारण एक्यूआई 83 दर्ज किया गया था। देर शाम बरसात के बाद तेजी से प्रदूषण स्तर में सुधार हुआ था लेकिन इस बार तेज हवा न चलने के कारण प्रदूषण स्तर में सुधार नहीं हुआ। जिसके चलते मेरठ में शनिवार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 438 दर्ज किया गया।

जनपदों की हालत खराब
भाई दूज पर मेरठ या कहें वेस्ट यूपी के जनपदों का एक्यूआई स्तर दिल्ली से भी खराब हो गया। शनिवार को मेरठ का एक्यूआई 438 दर्ज किया गया जबकि दिल्ली का एक्यूआई 437 रहा। वहीं शुक्रवार को एनसीआर के सबसे अधिक प्रदूषित शहर नोएडा का एक्यूआई भी घटकर मेरठ से कम 414 पर पहुंच गया। कुछ ऐसा ही हाल वेस्ट यूपी सभी जनपदों का रहा। वेस्ट यूपी में सबसे खराब हाल गाजियाबाद का रहा, वहां शनिवार को 466 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं कल मेरठ का पॉल्यूशन लेवल एनसीआर के आठ जमपदों में सातवें नंबर पर था जो शनिवार को चौथे नंबर पर आ गया है।

यह रहा शनिवार का एक्यूआई
गाजियाबाद 466
हापुड़ 445
बागपत 445
मेरठ 438
दिल्ली 437
बुलंदशहर 433
ग्रेटर नोएडा 414
मुजफ्फरनगर 328
(सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार)

मरीजों की बढ़ी परेशानी
इतनी खराब हवा में सांस लेना अस्थमा, सीओपीडी व एलर्जी के मरीजों के लिए दूभर हो गया है। आम आदमी तक को बाहर निकलने पर आंखों में जलन, घुटन व खांसी आने की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर भी बस घर में रहने की सलाह ही दे रहे हैं।

वायु प्रदूषण के प्रभाव के लक्षण
1. आंख में खुजली या जलन।
2. अस्थमा, सीओपीडी व एलर्जी के मरीजों का सांस फूलना, बार-बार खांसी आना।
3. हार्ट के मरीजों को सांस लेने में परेशानी व घुटन होना।