मेरठ ब्यूरो। फ्रेंड््स क्लब के बहाने युवाओं की जिंदगी एक अंधे गर्त में धकेली जा रही है। मॉडर्न लाइफ स्टाइल और शॉर्ट टाइम में पैसे कमाने की चाहत यूथ को एक ऐसे दोराहे पर ला रही है, जहां चकाचौंध की बीच घनघोर वे अंधेरे में डूब रहे हैं। मेट्रोपोलेटियन सिटी के अलावा अब छोटे-छोटे शहरों में भी युवाओं को इस जाल में फंसाया जा रहा है। इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट एक्टिव हैं जो यूथ को फ्रेंड्शिप क्लब में शामिल करने की आड़ में उन्हें जिगोलो बना रही हैं। इसके लिए न सिर्फ उन्हें सेक्सुअल सैटिसफैक्शन बल्कि रातोंरात अमीर बनने के ख्वाब भी दिखाए जाते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने जब इस खेल को तलाशने की कोशिश की, तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। ऑनलाइन मोनालिसा जैसे कई फ्रेंडशिप क्लब चल रहेे हैं।

वेबसाइट्स से ऑफर करते हैं
दरअसल, आज के दौर में हर किसी के पास मोबाइल है, ऐसे में इंटरनेट की एक्सेस बहुत आसान है। लिहाजा कई ऐसी वेबसाइट हैं जो यूथ को फ्रेंड््स क्लब में शामिल होने और लड़कियों से मनचाही बातें करने का ऑफर देती हैं। इन लुभावने ऑफर के झांसे में युवा आ जाते हैं। ऑनलाइन ऐसी दर्जनों वेबसाइट उपलब्ध हैं, जो युवाओं को जिगोलो क्लब का मेंबर बनाकर ना सिर्फ पैसा कमाने का शार्टकट सिखा रही हैं, बल्कि उनके जीवन से भी खिलवाड़ कर रहीं हैं।

एक कोड से मीटिंग फिक्स
बताते हैं कि अपनी सेक्सुअल डिजायर को पूरा करने के लिए महिलाएं किराए पर पुरुषों को हॉयर करती हैं। इन्हें ही जिगोलो कहा जाता है। सभ्य समाज का हिस्सा बताने वाली कई महिलाएं इस खेल का हिस्सा हैं। ये ऐसी महिलाएं हैं जो किसी भी कारण से अपने पति या पार्टनर से सेक्स में असंतुष्ट रह जाती हैं। इसकी संतुष्टि के लिए ऐसी महिलाएं पैसे देकर फ्रेंडशिप साइट के माध्यम से इन युवकों को अपने पास बुलाती हैं। इस पूरी प्रक्रिया में ना महिला को पता होता है कि कौन उसके पास आने वाला है और ना युवक को पता होता है कि किस महिला से उसे मिलना है। फ्रेंडशिप क्लब की तरफ से मैसेज के माध्यम से पूरा काम चलता है। क्लांइट बुकिंग होने के बाद जिगोलो बने युवा को कभी पिज्जा डिलीवरी बॉय, कभी इलेक्ट्रिशियन तो कभी प्लंबर बनाकर महिला के पास भेजा जाता है। एक कोड के माध्यम से एक दूसरे को पहचाना जाता है।
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आखिर किसे कहते हैं जिगोलो
- जिगोलो यानि एक तरह से पुरूष वेश्या को कहा जाता है।

- जिगोलो पैसे लेकर किसी महिला को शारीरिक सुख प्रदान करता है।

- फ्रेंडशिप क्लब की आड़ में यह धंधा महानगरों में तेजी से फैलता जा रहा है।

- ऐसे फ्रेंडशिप क्लब महिलाओं और पुरुषों की ऑनलाइन ही मीटिंग फिक्स कराते हैं

- युवाओं को भी कम समय में लखपति बनाने का सपना दिखाते हैं

इन शहरों में चल रहा खेल
बताते हैं कि मुंबई, दिल्ली, बैंग्लौर, पूना तथा कलकत्ता समेत देश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुडग़ांव, फरीदाबाद, मेरठ, गाजियाबाद जैसे कई शहरों में फ्रेंड्शिप क्लब के नाम पर यूथ को जिगोलो बनाया जा रहा है।
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इस तरह युवाओं को फंसाते हैं
ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए युवाओं को महिलाओं से फ्रेंडशिप के नाम पर फंसाया जाता है। उन पर मोबाइल नंबर दिए जाते हैं कि जिससे संपर्क करके लोग इस खेल में जुड़ते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने इस खेल को गहराई से समझा। पहले नाम बदलकर इसी तरह की एक वेबसाइट्स के नंबरों पर कॉल किया। सबसे पहले एक लडक़ी ने उठाया, उसने फ्रेंड्स क्लब से जुडऩे का प्रोसेस बताया।
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पढि़ए, रिपोर्टर और फ्रेंड्स क्लब से जुड़ी एक लडक़ी के बीच क्या बातचीत हुई

रिपोर्टर- हैलो, मैम आप क्लब से बोल रही हैं! यह नंबर इंटरनेट पर देखा था। मुझे फ्रेंडशिप करनी है।

लडक़ी - जी

रिपोर्टर- मुझे भी आपके क्लब का मेंबर बनना है, पार्ट टाइम जॉब करना चाहता हूं।

लडक़ी - क्या नाम है आपका और ऐज क्या है?

रिपोर्टर- मेरा नाम देव (बदला हुआ नाम)है। उम्र करीब 34 साल है।

लडक़ी - ठीक है देव, हमारे यहां जॉब करने के लिए कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी को फॉलो करना होगा। उसके लिए आप जब रजिस्ट्रेशन कराएंगे, तब बता दिया जाएगा।

रिपोर्टर- मुझे पता है प्राइवेसी बहुत जरूरी है मैम। बेसिक डिटेल दीजिए कितनी रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी है मुझेे।

लडक़ी - आपको हमारे क्लब से जुड़ीं हाई प्रोफाइल कस्टमर के पास भेजा जाएगा। मीटिंग फिक्स कराएंगे। पेमेंट उसके बाद करनी होगी।

रिपोर्टर- ओके मैम, लेकिन एक बात बताइए पेमेंट का हिसाब-किताब कैसे होगा?

लडक़ी - दो घंटे के लिए आपको 15 से 20 हजार रुपये मिलेंगे। जिसमें से 15 पर्सेंट कमीशन कंपनी को देना होगा।

रिपोर्टर- जी मैम, यह सब तो ठीक है, इसमें कोई रिस्क तो नहीं है!

लडक़ी - अरे नहीं।।नहीं, इसमें कोई रिस्क नहीं है। आपको जहां भी भेजा जाएगा, वो पूरी तरह सेफ होता है। हमारे क्लब से जुडऩे के लिए अलग-अलग पैकेज हैं। प्लेटिनम, सिल्वर, गोल्ड। एक सप्ताह में दो से तीन क्लाइंट आपको दिए जाएंगे।

रिपोर्टर- रजिस्ट्रेशन के लिए क्या करना होगा
लडक़ी - हमारी साइट पर एक फॉर्म है। उसे भरकर इसमें ऑनलाइन जमा कर दीजिए, जो सर्विस लेनी है उसका पेमेंट करके पेमेंट रेफरेंस नंबर हमें भेज दें।



पहले जिगोलो दिल्ली, मुंबई जैसे बढ़े शहरों तक सीमित था जो अब छोटे शहरों में भी फलफूल रहा है। इसमें युवा इसलिए ज्यादा शामिल हो रहे हैं क्योंकि उनको इससे कम समय में अधिक पैसा कमाने के मौके के साथ ही शारीरिक सुख मिलता है। बस इसी झांसे में आकर वे अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं।
- डॉ। तरुण पाल, सीनियर साइकेटिस्ट

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यदि ऑनलाइन माध्यम से किसी प्रकार की ठगी हो रही है तो यह साइबर क्राइम के दायरे में आता है। इस प्रकार के केस में अधिकतर फ्रॉड होते हैं और ऐसे क्लब अनरजिटर्ड और अवैध होते हैं इसलिए इनके फ्रॉड से बचें।
- सुबोध सक्सेना, साइबर सेल प्रभारी

असुरक्षित यौन संपर्क या लगातार पार्टनर बदलकर शारीरिक संबंध बनाने से सैक्सुअल ट्रांसमिट डिजीज जैसे एचआईवी तक होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे युवाओं में शारीरिक कमजोरी तेजी बढऩा प्रमुख लक्षण हो सकता है।
- सौम्या सिंघल, स्किन एवं वीडी स्पेशलिस्ट