व्यवस्था
इनकमिंग और आउट गोइंग का होगा लेखाजोखा
फीडर मैनेजमेंट से होगा सप्लाई का हिसाब
- बिजली के फीडरों पर रखे जाएंगे फीडर मैनेजर्स
- दिल्ली में आयोजित बैठक में लिया गया फैसला
Meerut: शहर की पॉवर सप्लाई का लेखा-जोखा अब फीडर मैनेजमेंट के माध्यम से रखा जाएगा। फीडर्स पर तैनात ये फीडर मैनेजर बिजली की इनकमिंग और आउट गोइंग का पूरा हिसाब किताब अपने पास रखेंगे। इसके अलावा फीडर पर रिसीव होने वाली बिजली से लेकर पॉवर सप्लाई का भी पूरा रिकॉर्ड फीडर मैनेजर की ही जिम्मेदारी होगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे ट्रांसमिशन से मिलने वाली पूरी बिजली कंज्यूमर्स तक पहुंच सकेगी।
दिल्ली की बैठक में हुआ निर्णय
शहर और ग्रामीण इलाकों में डिस्ट्रीब्यूशन और सप्लाई को बेहतर बनाने के लिए पिछले दिनों दिल्ली में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में केन्द्र और राज्यों के ऊर्जा सचिवों ने डिस्ट्रीब्यूशन और पॉवर सप्लाई संबंधी अपनी परेशानियों से लेकर सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में निर्णय लिया गया कि ट्रांसमिशन से मिलने वाली बिजली के डिस्ट्रीब्यूशन पर पैनी नजर रखी जाए। नई व्यवस्था के अनुसार अब पॉवर फीडर पर एक मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी। इस मैनेजर का काम फीडर को ट्रांसमिशन से मिलने वाली बिजली और उसकी सप्लाई तक का मिनट दर मिनट हिसाब रखना होगा।
बिजली चोरी पर लगेगी लगाम
विभाग में नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे बिजली की चोरी के मामलों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके अलावा इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि किसी फीडर को कुल कितनी बिजली मिल रही है और उससे कितनी घंटे की बिजली बतौर सप्लाई ट्रांसमिट की जा रही है।
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इस प्रकार की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। अन्य कई राज्य में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। मेरठ में भी जल्द इस व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं।
योगेश कुमार, प्रभारी आरएपीडीआरपी प्रोजेक्ट