बेस्ट है रविन्द्र चौहान
मैदान को देखने के बाद तपोश ने कहा कि मेरठ डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिएशन बहुत खुशनसीब है कि उनके पास रविन्द्र चौहान जैसे क्यूरेटर हैं। जो इस काम के माहिर इंसान है।
अब बदल गया माहौल
पहले क्यूरेटर पर इतनी मेहनत नहीं की जाती थी, लेकिन इंटरनेशनल कंडीशन की वजह से बीसीसीआई क्यूरेटर्स पर भी वर्क कर रही है। क्यूरेटर्स के लिए कोर्स शुरू किए गए हैं। यही वजह है प्लेयिंग कंडीशन में सुधार आया है। घरेलू स्तर पर काम अच्छा है तो इंटरनेशनल क्रिकेट में भी फिल्डिंग में बेहतर हुई। यही मुख्य वजह भी है।
क्रिकेट में हुआ साइंस इन्वोल्व
तपोश ने बताया कि पिच को बनाने में अब साइंस का इन्वोल्वमेंट हुआ है। अब भारत में जहां भी पिच बनाई जा रही हैं उन पर तीन लेयर होती है। जिसमें 16 इंच तक पिच को खोदा जाता है। चार इंच की बजरी, चार इंच तक जो मिट्टी और आठ इंच तक क्ले मिट्टी विद द डै्रनेज डाली जाती हैं। खास बात ये है कि इन मिट्टी का उपयोग करने से पहले इनके सैंपल लेबोरेट्री में चैक होते हैं। यही वजह है कि घरेलू क्रिकेट में आपको बाउंसी पिच मिल रही हैं, टर्न भी मिलता है और बल्लेबाज रन भी बनाते हैं। रविन्द्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि भामाशाह पार्क में दो पिच इसी मैथड पर तैयार की गई है।
तपोश इज ग्रेट
मोहाली में हाल ही में क्यूरेटर्स के लिए एक टेस्ट आयोजित किया गया था, इसमें विदेश के भी एक्सपर्ट आए थे। खास बात ये है कि तपोश ने इस टेस्ट में 88 प्रतिशत अंक लाकर टॉप किया था। यही नहीं तपोश ने जयपुर में भी एक वर्कशाप आयोजित की, जिसमें क्यूरेटर्स को पहले थ्योरी बेस और फिर प्रैक्टिकल नॉलेज दी गई।