मेरठ (ब्यूरो)। लगातार कट रहे जंगलों का असर शहर की आबादी पर दिखना शुरु हो गया है। साल दर साल जंगलों को छोड़कर शहर की सीमा में प्रवेश करने वाले तेंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ ऐसा ही शुक्रवार देर रात हुआ जब जंगलों से एक तेंदुआ अपनी राह भटक कर टीपीनगर के ज्वालानगर में पहुंच गया। देर रात सीसीटीवी कैमरे में तेंदुए का मूवमेंट कैप्चर होने के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई और सुबह सवेरे से तेंदुए की तलाश शुरु हो गई।

आठ साल में 9 बार दिखा तेंदुआ
तेंदुए की शहर में आवाजाही साल दर साल बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि पिछले आठ साल में 9वीं बार तेंदुआ शहर में दिखा है। आठ साल पहले 2014 में सदर बाजार में तेंदुआ घनी आबादी के बीच घुस आया था। कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुआ पकड़ा गया था। इसके बाद 2016 में कैंट हॉस्पिटल में तेंदुए ने भारी बवाल मचाया था। सरधना, हस्तिनापुर, गंगोल, किठौर क्षेत्र में तेंदुआ दिख चुका है। वहीं घनी आबादी के बीच तेंदुए की आवाजाही ने आम जन के मन में दहशत बढ़ा दी है।

एक साल में दो बार
तेंदुए की शहर में आमद कोई नई बात नही है। इस साल दूसरी बार तेंदुआ शहर में आया है। इससे पहले 4 मार्च को पल्लवपुरम में आवासीय क्षेत्र में तेदुआ घुस गया था जिसे वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत कर पकड़ा था और जंगलों में छोड़ा गया था। अब साल के अंत में ज्वाला नगर में तेंदुए के देखे जाने से वन विभाग समेत शहर के आम जन की चिंता बढ़ गई है।

कब-कब शहरी क्षेत्र में दिखा तेंदुआ
24 फरवरी 2014 में सदर बाजार में केले वाली कोठी मं लकड़ी की टाल में दिखा था
12 अप्रैल 2016 को कैंट हॉस्पिटल के वार्ड में घुस गया था
सितंबर 2017 में सरधना क्षेत्र में करनाल हाइवे में सड़क पर दिखा था
मार्च 2020 में परतापुर के गंगोल क्षेत्र में दिखा था
फरवरी 2021 में किठौर के फतेहपुर नारायण में दिखा था तेंदुआ
नवंबर 2021 में हस्तिनापुर के नीमका कुंडा गांव में मिला था घायल तेंदुआ
इस साल 4 मार्च को पल्लवपुरम में आवासीय क्षेत्र में दिखा था तेंदुआ

रात 2.50 बजे तेंदुए की सूचना मिली थी उसके तुरंत बाद कुंबिंग ऑपरेशन शुरु करा दिया गया। जिसमें चार टीमें लगाई गई थी। लेकिन अभी तक तेंदुए का पता नही चला पाया है।
राजेश कुमार, डीएफओ