मेरठ (ब्यूरो)। पसंद की सब्जी खरीदना अब आम आदमी के बजट से बाहर हो गया है। पेट्रोल-डीजल और घरेलू व कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम के बाद अब बिगड़ते मौसम के असर के कारण नींबू, मिर्च से लेकर हरी सब्जी तक बीते दिनों में बहुत अधिक महंगी हो गई है। खासतौर पर नींबू के दाम इस समय आसमान छू रहे हैं। नींबू, सेब और अनार जैसे फलों से भी महंगा है। नींबू की कीमतें 200 से 250 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। सब्जियां लेने के बाद मुफ्त मिलने वाले मिर्च-धनिया के दाम भी तेजी से बढऩा शुरू हो गए हैं।
बाजार में नींबू का मंडी से तीन गुना दाम
मार्च की शुरुआत में नींबू करीब 70 से 80 रुपए प्रति किलो के भाव से फुटकर बाजार में मिल रहा था। लेकिन, होली के बाद से नींबू के दाम में तेजी आना शुरू हुई। यह तेजी आज 80 रुपए से 250 रुपए तक पहुंच गई है। लेकिन, खास बात यह है कि मंडी में आज भी नींबू का दाम 70 से 80 रुपए किलो ही है। केवल शहर के फुटकर बाजारों में छोटे सब्जी विक्रेताओं ने अपनी सुविधा के अनुसार नींबू का दाम तीन गुना तक बढ़ा दिया है।
दूरी के हिसाब से तय हो रहे दाम
शहर के अलग-अलग लोकल बाजारों में दूरी के हिसाब से नींबू की कीमतें अलग-अलग हैं। यानि दिल्ली रोड सब्जी मंडी से जितना दूर व्यापारी सब्जी ले जा रहा है अपने हिसाब से दाम बढ़ा रहा है। मौजूदा समय में सबसे सस्ता नींबू 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दिल्ली रोड स्थित नवीन मंडी में मिल रहा है। वहीं, शास्त्रीनगर, सिविल लाइन, ब्रह्मïपुरी, भूमियापुल, मलियाना, हापुड़ अड्डा जैसी छोटे सब्जी बाजार में नींबू का दाम 200 से 250 रुपए तक पहुंच गया है।
मिर्च भी हो रही तीखी
अप्रैल में मिर्च की कीमतों में भी तेजी से इजाफा शुरू हो गया है। मार्च के मध्य तक मिर्च की कीमतें 40 रुपए प्रति किलो थीं। वहीं, अप्रैल की शुरुआत में यह दुकानों में 100 रुपए प्रति किलो के भाव पर आ गई है। यानी एक महीने के अंदर मिर्च के दाम भी तीन गुना पहुंच गए हैं। साथ ही धनिया की कीमत में भी काफी इजाफा हुआ है। मार्च में धनिया 40 रुपए प्रति किलो के करीब बिक रहा था। अब मंडियों में यह 150-200 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है।
ये हैं दाम बढऩे के कारण
रमजान का असर
हर साल रमजान के दौरान नींबू का दाम दोगुना हो जाता है। कारण रोजे खोलने के लिए नींबू पानी का उपयोग इन दिनों बहुत अधिक होता है। इसलिए शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में नींबू की डिमांड अत्याधिक होती है।
सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग में डिमांड
गर्मी का सीजन आते ही सॉफ्ट ड्रिंक से जुड़े उद्योगों ने नींबू उत्पादकों को बड़े ऑर्डर देना शुरू कर दिया है ताकि लेमन ड्रिंक्स बनाने में नींबूओं का इस्तेमाल किया जा सके। सप्लाई और डिमांड के इस अंतर ने भी नींबू की कीमतों में जबरदस्त इजाफा किया है।
मौसम की वजह से नुकसान
नींबू कारोबारियों के अनुसार नींबू के दाम बढऩे की वजह पिछले साल गुजरात में आया तूफान है। तूफान की वजह से नींबू का फूल झड़ गया। नींबू की झाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचा। इसके अलावा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नींबू की पैदावार को वहां आए चक्रवाती तूफानों से नुकसान पहुंचा है। मेरठ में इस समय महाराष्ट्र से नींबू आ रहा है।
तेल के दाम का भी असर
भारत में पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों के कारण सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ा है। इससे ट्रांसपोर्ट का खर्च करीब 15 फीसदी तक बढ़ गया है। इसका असर न सिर्फ नींबू समेत अन्य सब्जियों के दामों में दिख रहा है।
मौसम की मार
इस साल गर्मी मार्च से ही शुरू हो गई है जो कि अप्रैल में काफी अधिक बढ़ गई है। इसका असर हरी सब्जियों की कीमतों में भी पड़ा है। फसलों पर ज्यादा पानी और खेती की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से सब्जी महंगी हैं।
फुटकर बाजार में सब्जियों के दाम
नींबू 220 से 250 रुपए
भिंडी 100 से 120 रुपए
करेला 70 से 80 रुपए
आलू 20 से 30 रुपए
लौकी 30 से 40 रुपए
प्याज 30 से 35 रुपए
टमाटर 30 से 40 रुपए
गौभी 20 से 30 रुपए
कोटस
नींबू के दाम पर मौसम के असर के साथ रमजान का अधिक असर है। रमजान के दौरान फुटकर बाजार में नींबू का दाम बढ़ ही जाता है। अगले माह शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। इसलिए दाम अधिक बढऩे की संभावना है।
-भूषण शर्मा, अध्यक्ष नवीन सब्जी मंडी
सब्जियों के दाम पर पूरे साल ही महंगाई रहती है। महंगाई के बहाने हर बार बदल जाते हैं। लेकिन, दाम कम नहीं होते हैं।
- रीना
आलू इस बार सस्ता है। यह राहत की बात रही। लेकिन, नींबू के दाम बढऩा वो भी इतना अधिक, खरीदने तक की हिम्मत नही हो रही है। बाकि सब्जियों के दाम कुछ कम रहें तो परेशानी नहीं होगी।
- किरण
नींबू की गर्मियों में सबसे अधिक डिमांड रहती है। इसी को देखते ही रेट बढ़ा दिए हैं। मौसम का असर तो पूरे साल का बहाना बन गया है।
- अंजू पांडेय