मेरठ ब्यूरो । सीसीएसयू के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग की ओर से नवीनतम तकनीकी की आवश्यकताएं और चुनौतियां पर संगोष्ठी हुई। इसका निर्देशन वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने किया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ से प्रो। अनिल सिरोही, अतिथि के रूप में राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी लखनऊ से डॉ। दीपचंद शर्मा, डॉ।शकुंतला मिश्रा सीसीएसयू से प्रो। वाई विमला, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ डॉ। हर्षित वर्मा, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली डॉ। पंखुड़ी सिंगल उपस्थित रहे।

उपलब्धियां बताईं
इस दौरान एचओडी प्रो। जितेंद्र सिंह ने विभाग की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहाकि आज माइक्रोबायोलॉजी में नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग व्यापक रूप से विभिन्न क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं। ये प्रौद्योगिकी न केवल फसलों को नष्ट करने वाले कीटाणुओं के खिलाफ लडऩे में मदद करती है, बल्कि संवर्धनशील जैविक पद्धतियों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

सूक्ष्म जीवाणु का महत्व बताया
प्रो। अनिल सिरोही ने कहा कि मानव शरीर को स्वस्थ रखने में उसके माइक्रोबायोटा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ये सूक्ष्म जीवाणु हमारे शरीर में विभिन्न जगहों पर बसे होते हैं, जैसे कि आंत, त्वचा, मुंह, नाक आदि, माइक्रोबायोटा हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। ये सूक्ष्मजीवाणु हमें विभिन्न रोगों और संक्रमणों से लडऩे की क्षमता प्रदान करते हैं।
नई जानकारियां दीं
डॉ। दीपक चंद शर्मा ने बताया कि सूक्ष्म जीव विज्ञान के माध्यम से हमें अनदेखे जीवों की विशेषताओं का अध्ययन करने का अवसर प्राप्त होता है। उनकी संरचना, क्रियाविधि, और उनके व्यापारिक महत्व का अध्ययन हमें उनके संदर्भ में नई जानकारी प्राप्त करने का साधन प्रदान करता है। डॉ। हर्षित वर्मा ने बताया कि उत्पादन क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी ने स्वास्थ्य संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण उत्पादों की विकास और उत्पादन की गति में सुधार किया है।

ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम का संचालन दीक्षा एवं निकिता ने किया। प्रतिभागी छात्र मुकुल, नेहा ,आस्था, शोएब ने अपने अनुभव शेयर किए। इस मौके पर डॉ। लक्ष्मण नागर, डॉ दिनेश पवार डॉ। अंजलि मालिक, डॉ। अश्वनी शर्मा, डॉ। कपिल स्वामी, डॉ। शशांक राणा, डॉ। देवेंद्र कुमार, डॉ। अजय शुक्ला, डॉ। पायल राजेश जमील प्रदीप सचान आदि उपस्थित रहे।