मेरठ (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए काउंट डाउन एक बार फिर शुरू हो गया है। पिछले साल मेरठ ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपनी रैंक में सुधार 14 अंकों का सुधार किया था। जिसके चलते 2021 में मेरठ को 27वीं रैंक मिली थी। जबकि 2020 में 41वीं रैंक थी। इसके साथ ही मेरठ को गार्बेज फ्री सिटी का अवार्ड भी मिला था। इस बार भी मेरठ नगर निगम के पास कई ऐसे अचीवमेंट हैं, जो गत वर्ष की तुलना में मेरठ को बेहतरीन रैंक दिला सकते हैं। मगर इन अचीवमेंट के बाद भी नगर निगम कर्मचारियों की लापरवाही स्वच्छता सर्वेक्षण में भारी पड़ सकती है।

मार्च में होगा सर्वे
कोरोना महामारी के चलते इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए एक सप्ताह बाद मार्च के महीने में सर्वे के लिए 1 से 28 मार्च के बीच केंद्रीय टीमें आएंगी। इसको देखते हुए नगर निगम ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। हालांकि अभी भी शहर की सड़कों पर कूड़ा-कचरा, नाले नालियों में सिल्ट और सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी की भरमार है। इसके चलते इस बार नगर निगम फिर से स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ सकता है।

इन मानकों पर होगी रैंक निर्धारित
- निगम क्षेत्र में 146 अस्थायी खत्तो को खत्म करना, अभी तक 56 खत्ते समाप्त किए गए हैं।
- डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शत प्रतिशत करना होगा। इसके लिए करीब 160 गाडिय़ों से रोजाना कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है।
- इस बार सर्वेक्षण में ओडीएफ प्लस प्लस का निगम का दावा है लेकिन अभी तक शहर के शौचालयों की हालत खराब है।
- शहर में सीवेज निस्तारण को बेहतर करना और जलभराव की समस्या को दूर करना।
- मेरठ शहर में प्रतिदिन 900 मीट्रिक टन कचरा निकलता है इसका शत-प्रतिशत निस्तारण होना चाहिए।
- सर्वेक्षण में गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग एकत्रित करने की व्यवस्था देखी जाएगी।
- रैंक में सुधार के लिए इस बार यूजर चार्ज की वसूली भी बहुत जरूरी है, लेकिन अभी तक यूजर चार्ज शुरू नहीं हुआ है।
- सिटीजन फीडबैक में ज्यादा से ज्यादा वोट जरूरी है। सिटीजन फीडबैक में सात सवाल पूछे जा रहे हैं।
- मंगतपुरम, लोहियानगर, मार्शल पिच, नंगलाताशी आदि इलाकों के डंपिंग ग्राउंड पर लीगेसी कूड़ा जमा है। इसका निस्तारण करना जरुरी है।

इन उपलब्धियों का मिलेगा फायदा
- लोहियानगर में बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट
- 220 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
- डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन
- आईटीएमएस प्रोजेक्ट
- सेल्फी प्वाइंट
- पार्कों का सौंदर्यीकरण
- वाटर स्प्रिंकलर मशीन

फीडबैक रहेगा महत्वपूर्ण
स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार भी हर साल की तरह आम जनता से सफाई का फीडबैक सबसे महत्वपूर्ण रहेगा। जनता से सीधे सवाल पूछे जाएंगे और उसके आधार पर ही रैंक निर्धारित होगी।

फीडबैक में देना होगा जवाब
- स्वच्छता के आधार पर मेरठ को कितने नंबर देंगे।
- क्या आपको पता है कि मेरठ स्वच्छ सर्वेक्षण में भाग ले रहा है।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में मेरठ की रैंक क्या थी।
- शहर के सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों को कितने नंबर देंगे।
- क्या आप जानते हैं कि गूगल पर आप नजदीकी शौचालय की जानकारी ले सकते हैं।
- व्यावसायिक और पब्लिक एरिया की स्वच्छता को कितने नंबर देंगे।
- कूड़ा गाड़ी में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग देने के लिए कहा जाता है।
- क्या आपको पता है कि सफाई संबंधी शिकायत आप स्वच्छता एप पर कर सकते हैं।

कोट्स
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान ही शहर में कुछ सफाई दिखाई देती है जबकि पूरे साल गंदगी और जलभराव से शहर के लोग जूझते रहते हैं।
कमल

सर्वेक्षण में केवल आंख में धूल झोंकने का काम होता है। शहर की सड़़कों पर गंदगी और बरसात में जलभराव के कारण चलना दूभर रहता है। सार्वजनिक शौचालयों की हालत खराब है।
ललित

कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था को नगर निगम तीन साल से शत-प्रतिशत नहीं कर पाया है। इसके कारण जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर फैला रहता है। जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह खराब है।
सतीश त्यागी

वर्जन

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए साफ सफाई का काम लगातार जारी है। कूड़ा निस्तारण तेजी से हो रहा इस बार डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था भी पहले से बेहतर है। कई ऐसे पाइंट हैं जिन पर हम अपनी रैंक में सुधार करेंगे।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी