मेरठ (ब्यूरो)। इसी प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा मोंटाग ने 42.34 के समय के साथ गोल्ड हासिल किया। केन्या की एमिली वामुसी एनगी ने 43.50 के साथ कांस्य पदक जीता। जीत के बाद प्रियंका की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सिल्वर मेडल हासिल करने के बाद फोन पर प्रियंका गोस्वामी से बातचीत की।
मां के सपने से मिला था संकेत
सिल्वर मेडल हासिल करने के बाद प्रियंका गोस्वामी ने कहा कि मुझे पहले ही इसकी फिलिंग थी मैं जरूर जीतूंगी, क्योंकि एक दिन पहले मेरी मां ने ही इसका संकेत मुझे दिया था। मां ने कहा था कि उन्होंने एच् अच्छा सपना देखा है। सब मंगल होगा। उसी दिन मैनें अपने लड्डू गोपाल से भी वादा किया था कि मैं जीतूंगी तो जरूर सबसे पहले अपने तिरंगे के साथ आपको लेकर ही फोटो खिंचवानी है।
उम्मीद थी कि कुछ अच्छा होगा
प्रियंका ने कहा कि मां को अक्सर मेरे विषय में सपने आते रहते हैं। वो मेरे विषय में चिंतित रहती हैं। मेरी मेहनत को उन्होंने बचपन से ही देखा है। इस बार भी मैनें अपनी मां से कहा कि आपको आपको बहुत सपने आते हैं। इस बार सपना नहीं आया क्या , इस पर मां ने कहा था कि मेरे सपने में घोड़े दौड़ रहे हैं। इसलिए उम्मीद थी कि भगवान कुच्छ अच्छा ही करेंगे।
लड्डू गोपाल से किया था वादा
मेरे साथ लड्डू गोपाल हमेशा रहते हैं। मैं उनसे अपने मन की बात करती हूं। जब मायूस होती हूं, तब भी और जब खुश होती हूं तब भी। मैंने अपने लड्डू गोपाल से वादा किया था। पोडियम पर अपने लड्डू गोपाल के साथ फोटो खिंचवाऊंगी। आज मेरा वादा पूरा हो गया। प्रियंका ने कहा कि सिल्वर मेडल जीतकर सुकून मिला है। मेहनत सार्थक हो गई है, लेकिन मंजिल खत्म नहीं हुई है। अभी थोड़ा रेस्ट करुंगी, इसके बाद अगले साल होने वाले एशियन गेम्स में गोल्ड हासिल करने की तैयारी करनी है।
मुझे अभी टाइमिंग याद नहीं
प्रियंका ने कहा कि अभी मेरी यह हालत है कि मुझे कुछ याद नहीं है कि मेरी टाइमिंग क्या रही। मैनें कितने देर में अपना रिकॉर्ड बनाया है। रेस वॉक में रिकार्ड बनाना बहुत मुश्किल है। आज जब मेहनत सफल हुई तो खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।
पहले ही की सेलेब्रेशन की प्रैक्टिस
प्रियंका ने बताया कि कॉमनवेल्थ के लिए काफी मेहनत की थी। इसलिए उम्मीद थी कि कुच्छ अच्छा होगा। इसलिए बैग से तिरंगा निकालकर एक दिन पहले की जीत की प्रैक्टिस की थी। उस समय दोस्तों ने मजाक में कहा था कि अभी कुछ हुआ भी नहीं है तो तू जीत का सेलेब्रेशन कर रही है। मैने कहा कि जीत का अहसास हो रहा है इसलिए प्रैक्टिस कर रही हूं। देश के तिंरगे को थामकर सेलेब्रेशन का अदभुत अहसास होता है। जीत का श्रेय पहले लड्डू गोपाल को है। इसक बाद कोच गौरव त्यागी, सुमित और मम्मी, पापा और भाई को है। साथ ही सरकार व फेडरेशन के सहयोग से ही मैं इतना कुछ कर सकी हूं।