मेरठ (ब्यूरो)। शहर की किसी भी प्रमुख सडक़ या बाजार में चले जाएं रोजाना वाहन चालकों को जाम का सामना करना ही पड़ता है। इसका कारण बाजारों में बढ़ रही वाहनों की संख्या है। साथ ही सडक़ किनारे खड़े बेतरतीब वाहन हैं। शहर में 50 से अधिक पार्किंग स्थल की जरूरत है, लेकिन एक दो ही पार्किंग संचालित हैं। अधिकतर जगहों पर पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है, लिहाजा दुपहिया व चौपहिया वाहन चालक सडक़ के आसपास कहीं भी वाहनों को खड़ा कर देते हैं। इससे सडक़ों पर जाम की स्थिति बन जाती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट अपने इस अभियान पार्किंग की इसी समस्या को उठा रहा है, ताकि जिम्मेदार इस दिशा में सुधारपूर्ण कदम उठा सकें।

70 फीसदी शहर की सडक़ें जाम
नगर निगम ने अभी तक पार्किंग स्थलों का चयन नहीं किया है। इसका असर यह है कि सडक़ों पर बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े होते हैं। इससे अमूमन हर सडक़ पर जाम के हालात बनते हैं। पार्किंग की व्यवस्था न होने से शहर की सडक़ें ही वाहन चालकों के पार्किंग स्थल बन गए हैं। रोड साइड वाहन कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं। शहर का ऐसा कोई बाजार, कोई चौराहा या कोई मेन रोड नहीं हैं, जहां सडक़ के दोनो साइड गाडिय़ों का अतिक्रमण ना हो। इस कारण से अधिकतर 70 प्रतिशत शहर की सडक़ें दिनभर जाम की चपेट में रहती हैं।

नहीं हैं कोई पार्किंग स्थल
एक ओर अतिक्रमण और दूसरी ओर सडक़ों पर खड़े बेतरतीब वाहन सडक़ों को संकरा कर देते हैं। इसका सीधा असर दूसरे वाहन चालकों को पड़ता है। जाम हर रोज और हर जगह की समस्या बन गया है। ऐसे में ज्यादातर सडक़ों पर जाम लगता है। वाहन चालकों को सडक़ों पर पूरे दिन जाम से लोगों को जूझना पड़ रहा है। हालात तब और विकट हो जाते हैं जब बाजार में किसी शोरूम, होटल या बैंक्वेट हाल, स्कूल, अस्पताल आदि के आगे वाहनों की कतार लगने लगती है। पार्किंग ना होने की वजह से लोग बाहर रोड साइड ही गाड़ी खड़ी कर जाते हैं। इसके पीक ऑवर में यहां जाम लगता रहता है।

50 पार्किंग स्थलों की जरुरत
शहर की आबादी और वाहनों की आवाजाही के हिसाब से नगर निगम ने वाहन पार्किंग स्थलों का चयन करने के लिए महानगर को तीन जोन में बांटा है। इन तीनों जोन में शहर के प्रमुख बाजारों के आसपास लगभग 50 वाहन पार्किंग का अनुमान है। इसके लिए तीन साल पहले कवायद भी शुरु की थी, जिसके तहत शहर में 34 स्थानों का र्पािर्कंग के लिए चयन किया गया था। लेकिन यह कवायद आज तक परवान नही चढ़ पाई। इसके अलावा मल्टी लेवल पार्किंग का मुददा भी पिछले कई सालों से केवल प्लानिंग तक सीमित है।

अस्पताल, स्कूल, बैंक्वेट हॉल जिनके पास पार्किंग नही हैं, उनको लगातार नोटिस भेजकर चेतावनी जारी की जाती है। थाना पुलिस को भी वाहन जब्त करने के निर्देश दिए हुए हैं।
- इंद्र विजय, सहायक नगरायुक्त

पार्किंग की समस्या आमजन को ही जूझना पड़ रहा है, इसलिए नगर निगम इस समस्या के प्रति गंभीर नहीं है।
जे एस चांदना
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पार्किंग के लिए निर्धारित जगह पर भी पार्किंग दोबारा शुरू नहीं हो पा रही है। कहीं ना कहीं है जिला प्रशासन या नगर निगम की लापरवाही है।
प्रेम कुमार

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दो साल पहले पार्किंग के लिए 10 से लेकर 20 तक की पर्ची कटा करती थी, अब 20 और 50 से कम कहीं पार्किंग नहीं है और पार्किंग स्थलों की संख्या भी कम हो गई है। जिससे जाम की परेशानी बढ़ती जा रही है।
विनेश जैन
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शहर की सडक़ें नहीं वही हैं,्र वाहनों की संख्या बढ़ चुकी है। नगर निगम द्वारा वाहन खड़ी करने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इस कारण से शहर में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है।
दीपक वर्मा