मेरठ (ब्यूरो)। नगर निगम के पोर्टल के आंकडों के अनुसार अप्रैल तक शहर के 6201 लोग स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए अपना फीडबैक दर्ज करा चुके हैं। फीडबैक दर्ज करने के लिए चालू स्वच्छता एप और माय जीओवी एप पर एक भी फीडबैक दर्ज नहीं किया गया है। केवल फेस टू फेस और गूगल के माध्यम से मोबाइल पर भेजे जा रहे वोट फॉर योर सिटी और सिटीजन फीडबैक वेबलिंक के माध्यम से ही फीडबैक का आंकड़ा छह हजार दो सौ एक तक पहुंचा है।
ये मिला फीडबैक
फेस टू फेस सिटीजन फीडबैक- 1000
वोट फॉर योर सिटी के तहत फीडबैक- 213
सिटी फीडबैक वेब के माध्यम से- 4988
देरी पड़ सकती है भारी
शुरुआती दौर में मार्च-अप्रैल माह में सर्वर स्लो होने और ओटीपी न मिलने से फीडबैक की रफ्तार कम थी। इसके साथ ही इस बार एक मोबाइल से एक फीडबैक ही दिया जा रहा है जबकि पिछले साल तक एक मोबाइल से कितने भी फीडबैक दिए जा सकते थे। इस कारण से भी फीडबैक में कमी दर्ज की गई है। इस कारण से मेरठ का फीडबैक स्तर काफी कम रहा है।
स्वच्छता एप में सुधार
गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण फीडबैक में जनता को कचरा निस्तारण, कूड़ा कलेक्शन, सफाई से संबंधित सवालों पर अपना फीडबैक देना था। इसके लिए नगर निकायों का लक्ष्य आबादी के सापेक्ष पांच प्रतिशत लोगों का फीडबैक दर्ज कराने का है। इसके लिए नगर निगम ने विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार भी किया था। लेकिन गत माह एप का सर्वर डाउन डाउन होने की वजह से अधिकतर लोगों का फीडबैक दर्ज नहीं हो सका था। सर्वर स्लो होने से ओटीपी आने में बहुत लंबा समय लग रहा था। इस कारण से फीडबैक की अंतिम तिथि में इजाफा किया गया है।
फीडबैक के सवाल
क्या आप सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग देते हैं।
क्या आप गूगल पर नजदीकी सार्वजनिक शौचालय खोजने के बारे में जानते हैं।
क्या आपके आसपास का क्षेत्र हमेशा साफ-सुधरा रहता है।
क्या आप घरेलू खाद के बारे में जानते हैं।
आपकी उम्र क्या है।
फीडबैक देने के विकल्पों में इस बार बदलाव किया गया है। एक मोबाइल से एक फीडबैक कर दिया गया जिससे फीडबैक में कमी आई है लेकिन यह कमी सभी यूएलबी में रही है।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त