मेरठ ब्यूरो। शहरों में सांस से जुड़ी बीमारी आम हो गई हैं अक्सर लोग अस्थमा और सीओपीडी को एक ही बीमारी समझ लेते हैं, क्योंकि इन दोनों के ही लक्षण एक जैसे होते हैं। इन दोनों समस्याओं में कॉमन लक्षण जैसे खांसी, कफ और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। लेकिन, ये दोनों ही रोग एक-दूसरे से बहुत अलग हैं। सीओपीडी को क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिक्व पल्मोनरी डिजीज कहते हैं, जो अस्थमा से कहीं ज्यादा गंभीर बीमारी है। इसी बीमारी लक्षणों को समझने और बचाव के प्रति जागरुकता के लिए सूरजकुंड नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया।

बढ़ृ रहा सीओपीडी

मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि नगरीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केंद्र सूरजकुंड, मेरठ में लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आर।सी। गुप्ता एवं विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन डॉ सीमा जैन के निर्देशानुसार सांस की बीमारी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव डिजीज एवम अस्थमा के विषय में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया। सीओपीडी दुनियाभर में बड़ी ही तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है सीओपीडी के मरीजो का इलाज लम्बे समय तक चलता हैं इस बात को ध्यान में रखते हुए सांस सम्भातित बीमारी पता करने के लिए निशुल्क कैंप का आयोजन किया गया।

31 मरीजों की हुई जांच

उन्होंने बताया कि जिसमे 31 मरीजो की सांस की मशीन के द्वारा जाँच की गयी और उनकी रिपोर्ट तैयार की गयी। यह कैंप कार्यवाहक विभागाध्यक्ष आचार्य डॉ अरुण कुमार की देख रेख में हुआ। कैंप का आयोजन नगरीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केंद्र की प्रभारी सहायक आचार्य डॉ नीलम गौतम के निर्देशन में किया गया। कैंप में सीनियर रेजिडेंट डॉ अनिला, जूनियर रेजिडेंट डॉ रोशन, डॉ अमीषा, डॉ वंदना ने योगदान दिया। अंत में कैंप में उपस्थित मरीजो एवं लोगो के पूछे गए सभी सवालों के संतुष्टिपूर्वक जवाब दिए गए और मरीजो की बीमारी के अनुसार दवाओ का वितरण किया गया। इस दौरान गंभीर मरीजो का परीक्षण करके रेफ र किया गया। इस विशेष कैंप के सफलतापूर्वक आयोजन होने पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आर। सी। गुप्ता ने विभागाध्यक्ष डॉ सीमा जैन एवं उनकी टीम को बधाई दी।