मेरठ(ब्यूरो)। हर साल की तरह नगर निगम ने इस साल भी मई माह में नालों की सफाई शुरु कराकर बरसात में जलभराव ना होने का दावा किया था। लेकिन जून में शुुरु हुए बारिश के सिलसिले ने हर बार शहर को डूबोया। जुलाई, अगस्त के बाद अब अक्टूबर माह तक बरसात के दौरान शहर में जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है। इसी तरह रविवार और सोमवार को हुई तेज बारिश से शहर के नाले उफान पर आ गए। शहर के निचले इलाकों से लेकर पॉश कालोनियों तक में पानी जमा हो गया। सड़के तालाबों में बदल गई थी।
पुराने शहर की सड़कों पर कीचड़ मंगलवार को बरसात तो नही हुई लेकिन दो दिन की बरसात के बाद पुराने शहर की सड़कों की हालत खस्ता रही। बरसात के बाद की कीचड़ और गंदगी के साथ गलियों में जलभराव के कारण लोगों को सड़कों पर चलना दूभर रहा। निगम की टीम ने तीसरे दिन भी जलभराव को निकालने का प्रयास नही किया। इस सबसे ज्यादा असर मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिला। इसमें नगर निगम रोड, खैरनगर, जली कोठी, पूर्वा इलाहीबक्श, इस्लामाबाद के अंदर की गलियां कीचड़ के कारण अटी दिखी। सबसे बुरा हाल कांच के पुल से फतेहउल्लापुर मार्ग, गोला कुंआ, मदीना कालोनी, समर गार्डन, अहमद नगर, लखीपुरा, जामिया चौक, श्यामनगर, इत्तेफाक नगर, शौकत कॉलोनी, रशीदनगर, लिसाड़ी रोड आदि इलाकों का रहा। इन मार्गों पर नालियों का कूड़ा और कीचड़ सड़क पर फैली रही।
वर्जन-
जलभराव की स्थित वहीं बनी हुई हैं जहां सीवर लाइन का काम चल रहा है। लिसाड़ी गेट, गोला कुंआ क्षेत्र में अभी सीवर लाइन चालू नही है और बरसात के दौरान नालियों में पानी ओवर फ्लो हो जाता है। हमारी टीम लगातार शहर के सभी वार्डों में नालियों की साफ सफाई कर जल निकासी करा रही है।
- डा गजेंंद्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी