मेरठ (ब्यूरो)। बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति को लेकर यूनिवर्सिटी के विजिलेंस विभाग में जांच चल रही है। सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी से संबद्ध 200 टीचर्स की शिकायतें आई हैं। बीते छह महीने से इन शिकायतों को लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से जांच चल रही है।
अभी यह चल रहा खेल
हालत यह है कि कई बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति सिर्फ कागजों में है, जबकि उनकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति टीचिंग कर रहा है। कुछ ऐसे अन्य भी कोर्स हैं जिनमें गलत कागज लगाकर टीचर पढ़ा रहे हैं। कई कॉलेजों में ऐसा भी हो रहा है कि एक-एक शिक्षक की नियुक्ति कई कॉलेजों में दिखाई जा रही है। उनकी भी जांच की जाएगी। साथ ही 200 टीचर्स की शिकायतें हैं। ऐसे करीब 43 कॉलेजों की जांच भी यूनिवर्सिटी कर रही है। अब विजिलेंस विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अब होगा औचक सत्यापन
सीसीएसयू प्रशासन ने बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति दिखाने वालों पर सख्ती करने की तैयारी की है। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिकायतों को देखते हुए सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इसके तहत अब औचक सत्यापन होगा।
टीचर्स की लिस्ट होगी ऑनलाइन
यूनिवर्सिटी ने पहले भी टीचर्स की सूची ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, एक हजार कॉलेजों में से 292 ने ही सूची अपलोड की थी। बार-बार कहने के बाद भी शिक्षकों की सूची ऑनलाइन न करने और एक शिक्षक के कई-कई कॉलेजों में नियुक्ति दिखाए जाने पर इस फैसले से रोक लगेगी। यूनिवर्सिटी की तीन सदस्यीय समिति किसी भी कॉलेज में औचक सत्यापन करेगी।अगर कॉलेजों में मानकों के मुताबिक शिक्षक और प्राचार्य नहीं मिलेंगे तो कॉलेज की मान्यता समाप्त की जाएगी।
बीएड के 400 से अधिक कॉलेज
मेरठ और सहारनपुर मंडल के जिलों में 400 से अधिक बीएड के कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में लंबे समय से शिकायत है कि छात्रों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं की गई हैं। सत्यापन में हुईं तमाम लापरवाहियों के कारण इन कॉलेजों में यह गड़बड़झाला चलता आ रहा है। शिक्षकों का कई बार शिक्षा विभाग में सत्यापन कराने से भी बात नहीं बनी। हाल में बीएड में सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षक बनाए जाने के दौरान भी योग्यतानुसार शिक्षकों की सही संख्या नहीं मिल पाई।
तीन सदस्यों की कमेटी गठित
इस बारे में यूनिवर्सिटी ने अब सख्ती करने का निर्णय लिया है। कार्य परिषद के तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया जाएगा। इससे बीएड में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार आएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बहुत समय से इन कॉलेजों को मौका दिया जा चुका है लेकिन अब सीधे कार्रवाई की जाएगी।साथ ही ऑनलाइन शिक्षकों की पूरी सूची भी जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड कराई जाएगी।
विभिन्न कॉलेजों के संबंध में शिकायतें आई है कि वहां पर फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे टीचर्स प्राइवेट कॉलेजों में जॉब कर रहे हैं। कुछ ऐसी शिकायतें भी है जिनमें किसी अन्य के डॉक्यूमेंट पर कोई नौकरी कर रहा है। इसकी जांच की जा रही है, जो गठित टीम है अलग से उनके माध्यम से की जा रही है।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार सीसीएसयू