मेरठ (ब्यूरो)। शहर के विकास के लिए एक बार फिर नगर निगम ने 904 करोड़ से अधिक का भारी भरकम बजट तैयार किया है। बीते वर्ष के मुकाबले करीब 114 करोड़ की वृद्धि नए बजट में की गई है। इस बजट के तहत शहर के विकास की कई अधूरी पड़ी योजनाओं को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है। ये अच्छी बात है। मगर बीते वर्ष के बजट पर नजर डालें तो आंकड़े हैरान करने वाले हैैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम ने आय के स्रोतों से वसूली का टारगेट करीब 99 करोड़ निर्धारित किया था। मगर इस लक्ष्य के सापेक्ष जनवरी तक केवल 52.51 करोड़ की वसूली ही सकी है।

120 करोड़ की आय
नए वित्तीय वर्ष 2023-24 को शुरू हो चुका है। ऐसे में शासन से नए वित्तीय वर्ष के वार्षिक बजट की स्वीकृति लेने की तैयारी है। इसके लिए 904 करोड़ रुपए का बजट तैयार है, जिसमेें निगम ने खुद के स्रोतों से करीब 120 करोड़ से अधिक आय का अनुमान लगाया है। बाकी की धनराशि केंद्र और राज्य सरकार व विभिन्न योजनाओं में मिलने का अनुमान है। जबकि पिछले साल यह टारगेट करीब 100 करोड़ रुपए रखा गया था। वहीं लगभग 250 करोड़ रुपये का पिछला बैलेंस भी प्रस्तावित बजट में शामिल किया गया है।

फैक्ट्स एक नजर में
नए वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक बजट करीब 904 करोड़ रूपए तैयार किया है।

वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट करीब 790 करोड़ था।

इस बजट में नगर निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष के वार्षिक बजट से करीब 114 करोड़ की वृद्धि की है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में निगम ने खुद के स्रोतों से करीब 120 करोड़ से अधिक आय का अनुमान लगाया है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम ने आय के स्रोतों से वसूली का टारगेट करीब 99 करोड़ निर्धारित किया था।

इस लक्ष्य के सापेक्ष जनवरी तक 52.51 करोड़ की वसूली अभी तक हो सकी।

नाम परिवर्तन
टारगेट
वित्तीय वर्ष 2022-23 में नाम परिवर्तन से आय का टारगेट करीब 2.70 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था।

वसूली
नाम परिवर्तन से जनवरी तक 2.90 करोड़ रुपए आय हुई है।

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टारगेट
विज्ञापन पटों से वित्तीय वर्ष 2022-23 में पांच करोड़ की वसूली का टारगेट तय किया गया था।

वसूली
विज्ञापन पटों से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.93 करोड़ रुपए की वसूली हो सकी है। यानि करीब तीन करोड़ का नुकसान संभावित है।

लाइसेंस
टारगेट
लाइसेंस जारी करने से निगम ने 85 लाख राजस्व वसूली का टारगेट तय किया था।

वसूली
लाइसेंस जारी करने से निगम अब तक 68 लाख की वसूली कर पाया है।

वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव फाइनल होने के बाद शासन से स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
जितेंद्र प्रताप ंिसह, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी