मेरठ (ब्यूरो)। बीते दो महीने में जिस तरह से जिले में रेप और छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही है, उससे हर कोई शॉक में है। बावजूद इसके इस तरह की घटनाओं को रोकने के जिम्मेदारी जिसके कंधों पर हैैं, वो एंटी रोमियो स्क्वॉड बस शहर के कुछ स्कूल-कॉलेजों के बाहर चेकिंग कर खानापूर्ति करने में जुटा है।

ये है स्थिति
पुलिस विभाग के जुलाई के आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ 1611 स्थानों पर ही चेकिंग हुई। यानी हर दिन औसतन 53 स्थानों पर ही स्क्वॉड एक्टिव रही। जबकि जिले भर में 500 से अधिक स्कूल-कॉलेज हैं। स्क्वॉड सेल 10 फीसदी स्थानों पर भी चेकिंग के लिए मौजूद नहीं रही। कार्रवाई के नाम पर मात्र 2181 चेतावनियां ही जारी की गई।

ये है फैक्ट फाइल
27 महीनों में मात्र 30 मुकदमे हुए दर्ज

08 सर्किल ऑफिस जिले में हैं।

30 पुलिस स्टेशन हैं।

01 महिला थाना है।

हर थाने में एंटी रोमियो टीम गठित है। जिसमें एक सब-इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबर और दो से तीन कांस्टेबल शामिल होते हैं।

2017 में हुआ था गठन
एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन प्रदेश में वर्ष 2017 में हुआ था। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने इसकी शुरुआत की थी। प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ को रोकने के लिए इसे गठित किया गया था।

कैसे काम करता है स्क्वॉड
कोई भी मनचला कहीं भी किसी भी महिला, लड़की को परेशान करता है। छेड़छाड़ करता है, कमेंट करता है या अभद्रता करता है तो टीम उसे तत्काल हिरासत में ले लेती है। पकड़े गए आरोपी की पहले थाने में ले जाकर काउंसिलिंग करवाई जाएगी। उसके परिवार को भी इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। थाने के रजिस्टर में उसका नाम दर्ज भी किया जाएगा। कार्रवाई के तौर पर एंटी रोमियो स्क्वॉड मनचलों को चेतावनी दे सकती है। परिवार को सूचित करने के साथ ही मामले की गंभीरता के आधार पर आपराधिक कार्रवाई करने के लिए भी स्क्वॉड स्वतंत्र है।

ये हैं एंटी रोमियो स्क्वॉड के नियम
एक पुलिस स्टेशन के अंर्तगत दो से तीन टीमें तैनात हो सकती है।

स्कूल और कॉलेज की संख्या के आधार पर ही टीमों की संख्या निर्भर करेगी।

जिन क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या अधिक है वहां टीम को अधिक निगरानी करनी होगी।

एंटी रोमियो स्क्वॉड टीम का काम छेड़छाड़ करने वाले मनचलों की पहचान करना है।

टीम को वर्दी के साथ ही स्थितिनुसार सादे कपड़ों में भी निगरानी रखेगी।

एंटी रोमियो स्क्वॉड टीम में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई और एसआई शामिल होंगे।

इनका है कहना
एंटी रोमियो स्क्वॉड यदि सभी स्कूल-कॉलेजों के बाहर मुस्तैदी दिखाएं तो छेड़खानी की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
नीरा तोमर, प्रिंसिपल, मल्हू आर्या इंटर कॉलेज

छेड़खानी की घटनाओं से लड़कियों में डर है। लड़कियां पढ़ाई छोड़ रहीं हैं। पुलिस को थोड़़ा सा अलर्ट होना होगा ताकि डर का माहौल खत्म हो सके।
राना लुबाना, प्रिंसिपल, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल

लड़कियों को जागरूक होना होगा। एंटी रोमियो स्क्वॉड स्कूल-कॉलेजों के बाहर पूरी तरह से एक्टिव रहे तो छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम कसेगी।
प्रीति त्यागी, समाज सेविका

हमारी ओर से सेल को पूरी मुस्तैदी बरतने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जो भी शिकायत आती हैं, उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। सभी थानों में एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत कार्रवाई की जा रही है। महिला हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों को संबंधित थानों में भेज दिया जाता है।
प्रतिभा सिंह, प्रभारी, एंटी रोमियो स्क्वॉड