मेरठ (ब्यूरो)। गत माह मुजफ्फरनगर में स्कूल बस हादसे में दो बच्चों और इस माह गाजियाबाद स्कूल बस सवार एक बच्चे की मौत के बावजूद मेरठ परिवहन विभाग एक्शन में नहीं दिख रहा है। सड़कों पर अवैध वाहन बदस्तूर स्कूली बच्चों को ढो रहे हैं। यूं तो परिवहन विभाग ने पिछले कई दिनों से ऐसे वाहनों पर लगाम कसने के लिए चेकिंग अभियान चला रखा है। मगर सड़कों से ऐसे वाहनों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी समस्या को लेकर कुछ जागरुक नागरिकों ने ऐसे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पुलिस-प्रशासन समेत परिवहन विभाग से ट्विटर पर गुहार लगाई है।
ट्विटर पर की शिकायत
अधूरे मानकों के साथ सड़कों पर बस, ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली बच्चों को ढो रही हैं। मगर टै्रफिक पुलिस को ये वाहन संचालित होते दिखाई ही नहीं देते। जबकि ऐसे वाहन रोजाना स्कूली बच्चों को स्कूल ले जाने और लाने का काम कर रहे हैं। शहर के जागरुक नागरिक अंकुर बंसल ने वेस्ट एंड रोड पर एक प्रतिष्ठित स्कूल में संचालित हो रही बस का फोटो ट्विटर पर डालकर कार्रवाई की मांग की है। इस बस की आयु 16 साल पार हो चुकी है। जबकि सड़क पर संचालन के लिए डीजल वाहन की आयु मात्र 10 वर्ष ही निर्धारित है।
सीएनजी सिलेंडर का इस्तेमाल
वहीं, एक दूसरे ट्वीट के मुताबिक एक पब्लिक स्कूल की वैन में बच्चों को ठूंस-ठूंसकर ले जाया जा रहा है। इतना ही नहीं, वैन का संचालन सीएनजी सिलेंडर पर हो रहा है जबकि सीएनजी में वैन पंजीकृत नहीं है। बच्चे सीएनजी सिलेंडर के ऊपर बनी बैंच पर सफर करने को मजबूर हैं। इतना ही नही वैन का नंबर भी परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।
जारी है अभियान
परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों के नाम पर दौड़ रहे अवैध और मानक पूरे न करने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान तो चलाया हुआ है लेकिन अभियान का असर इन वाहन चालकों पर नहीं हो रहा है। न तो स्कूल इस दिशा में गंभीर हैं और न ही बच्चों के अभिभावक इसको समस्या मान रहे हैं। इसी का नतीजा है कि अप्रैल माह में परिवहन विभाग ने आयु पूरी कर चुके करीब 50 वाहनों को सीज किया। ये वाहन जनपद से बाहर पंजीकृत थे। वहीं जिन वाहनों की फिटनेस एक्सपायर हो चुकी है, उनके खिलाफ करीब 437 नोटिस स्कूलों को भेजे जाएंगे।
स्कूलों में पहुंचेगी टीम
वहीं, स्कूली वाहनों की फिटनेस दुरुस्त करने के लिए खुद परिवहन विभाग अब स्कूलों में जाकर वाहनों की जांच करेगा और नोटिस थमाएगा। इसके लिए रविवार को भी आरटीओ कार्यालय खोला गया और नोटिस तैयार कराए गए। सोमवार सुबह से स्कूलों में जाकर वाहनों की जांच की जाएगी।
फैक्ट्स
-फिटनेस एक्सपायर होने पर 437 स्कूली वाहनों के लिए नोटिस हुआ तैयार
-54 के करीब वाहन हुए आयु पूरी होने पर सीज
-एक दर्जन के करीब वाहनों को किया गया स्क्रैप
-गत एक सप्ताह में 17 करीब वाहन हुए सीज
कोट्स
वेस्ट एंड रोड पर लगातार ऐसे वाहनों की भरमार देखने को मिल रही है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस को ये वाहन दिखाई नहीं देते हैं।
अंकुर बंसल
स्कूल ऐसे वाहनों की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। टै्रफिक पुलिस ऐसे वाहनों पर कार्रवाई नहीं करती है। ऐसे में अधूरे मानकों के साथ दौड़ रहे वाहनों पर लगाम कैसे कसेगी।
आकाश जैन
कार्रवाई के नाम पर हर बार बस चेकिंग कर कुछ बसों का चालान कर दिया जाता है। ट्रैफिक पुलिस यदि चाहे तो ऐसे वाहनों का संचालन बिल्कुल न हो।
प्रमोद अत्री
अभिभावकों को भी इस मामले में सक्रिय होने की जरुरत है। अपने बच्चे को जिस वाहन से स्कूल भेज रहे हैं कम से कम उसकी फिटनेस तो चेक कर लें।
प्रशांत वर्मा
वर्जन
रविवार को कार्यालय खोलकर नोटिस तैयार कराए जा रहे हैं। 437 से अधिक स्कूली वाहनों के लिए स्कूलों को नोटिस हमारा कर्मचारी खुद देकर आएगा और स्कूल में ही वाहनों की फिटनेस व अन्य जांच की जाएगी। इसके अलावा ऑन रोड चेकिंग कर वाहनों को लगातार सीज किया जा रहा है।
सुधीर कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन